महाशिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने वाराणसी पहुंचे गायक कैलाश खेर।

वाराणसी : महाशिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने वाराणसी पहुंचे कैलाश खेर ने कहा कि उनका कैलासा बैंड आज परफॉर्म करने आया है। कैलाश खेर ने कहा जब वो परफॉर्म करते हैं तो शिव की एक अलख जगती है। काशी शिवमय हो जाती है। गंगा महोत्सव और गंगा योद्धा महोत्सव जैसे कार्यक्रम ने शामिल चुके हैं। कैलाश ने बताया कि वो यूपी सरकार के कई कार्यक्रम कर रहे हैं यूपी प्रभु राम श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ है इसकी यूपी बहुत महत्वपूर्ण जगह है अध्यात्म के लिए। यूपी बीच मे विखंडित हो गया था परंतु अब इसे जोड़ने की शुरुआत हुई है अब लगता है कि कोई भारतीय ही भारत को चला रहा है और युपी का अब भाग्य जग गया है। यूपी में सड़कों का हाल बेहतरीन हुआ है। उत्तर प्रदेश प्रगति के पथअपर है पहले पशुता आ गई था अब मनुष्यता आ गई है। फ़िल्म सिटी निर्माण के लिए मेरी बहुत बड़ी भूमिका है योगी जी को मैंने सलाह भी दिया है। फ़िल्म नगरी हर जगह है आप इल्म की नगरी बनाइये अध्यात्म की नगरी बनाइये। वहां एक संगीत ध्यान केंद्र बनाना है ताकि लाखों लोग वहां आएं।

बनारस में बहुत परिवर्तन हुआ है। पहले सब एकदूसरे से लड़ते थे अब ये सब खत्म हुआ है लोगों ने तमीज आया है पहले बनारस सिर्फ पान के लिए मशहूर था अब कला अध्यात्म सुंदरता बाबा विश्वनाथ के लिए जाना जाता है जैसे स्वयं परमात्मा का अवतरण हो गया है। सड़कें सड़कें अच्छी हुई हैं लोगों में तमीज आ गई है। अचानक बिगड़े हुए सुधार रहे हैं। एक्सवल के जवाब में कैलाश खेर ने कहा कि विदेशों में भारत के सभ्यता का प्रचार हुआ है। बनारस में संगीत की पहचान दुनियाभर में है। 98 % संगीत भारत मे बाकी 2% पूरी दुनिया मे है। बनारस घराने ने दुनिया को संगीत दिया बॉलीवुड में वो संगीत नहीं है बॉलीवुड एक खिचड़ीपुर है। उन्होंने ज़ी न्यूज़ पर अपने संगीत कार्यक्रम ipml के बारे में भी बताया।

बनारस में संगीत कला में संघर्ष करने वाले नवयुवकों के लिए कैलाश खेर ने कहा कि वो ऐसे लोगों के बारे में पहले से सोच चुके हैं ऐसे संघर्षरत लोगों को प्लेटफॉर्म हम देंगे एक गायक के गायकों को बनाएगा। इसके लिए मैंने कैलाश खेर फाउंडेशन बनाया है। सफलता बड़ी गाड़ियों में बैठने से नहीं बल्कि जब आम से खास सभी लोग लाड़ दें तब है। हम भारत भर के युवाओं को मंच देंगे और सभी तरह के सहयोग करेंगे जो मुझे नहीं मिल सकी थी। हम पैसा कमाने म लिए नहीं बल्कि जीवन को बदलने के लिए करेंगे।

रिपोर्ट – पुरुषोत्तम सिंह, वाराणसी

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