मारे गए सैनिकों को पहचान और सम्मान न देने पर चीनी नागरिक आक्रोशित, कहा भारत से सबक लें!

रिपोर्ट – विकास चंद्र अग्रवाल

अपने देश के लिए लड़ना और अपने प्राण न्यौछावर कर देना हर सैनिक का जज्बा होता है ।  किसी सैनिक की शाहदत को पहचान और सम्मान मिलना उस शहीद का हक़ और एक कृतज्ञ राष्ट्र का कर्तव्य होता है  लेकिन चीन में ऐसा नहों हुआ।

बीजिंग ने भारतीय सेना के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प में मारे गए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों को नहीं पहचानने और सम्मानित ना करने के  कारण जन आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है ।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर नेटिज़न्स उन तस्वीरोंऔर स्क्रीनशॉट्स को साझा कर रहे हैं, जिनमें भारत ने अपने उन वीर शहीदों को सम्मानित किया था, जिन्होंने पीएलए सैनिकों के साथ गलवान घाटी संघर्ष में अपनी जान न्योछावर कर दी थी।

  भारतीय पक्ष ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट हुई हिंसा के दौरान चीनी सैनिक भारी संख्या में मारे  व हताहत हुए थे यद्यपि बीजिंग ने भारतीय सेना के ऐसे किसी भी दावे को स्वीकार नहीं किया है और इसके विपरीत उसने इस मामले पर गोपनीयता बनाए रखना पसंद किया है। वही भारत के दावों को अमेरिका ने एक रिपोर्ट में पुष्ट किया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा 34 चीनी सैनिकों को मार गिराया था।

पिछले सोमवार को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प होने पर 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और चीनी सैनिक भी  ‘लगभग दोगुनी’ संख्या में मारे गए थे।

भारत ने अपने शहीदों को अर्पित किये श्रद्धा सुमन

भारत में  इसके विपरीत अपने कई संबोधनों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वीर सपूतों  द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को नमन किया है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “न तो उन्होंने हमारी सीमा में घुसपैठ की है और न ही उनके (चीन) द्वारा किसी पोस्ट पर कब्जा किया गया है। हमारे 20 जवान शहीद हो गए, लेकिन जिन लोगों ने भारत माता को डराने की कोशिश की, उन्हें सबक सिखाया गया।”

पीएम मोदी ने  गत शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान कहा कि हमारे सेना के तीनों अंग जवाबी कार्यवाही के लिए तैयार हैं।

  “लद्दाख की गलवान घाटी में अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे वीर जवानों को खोने का दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। राष्ट्र हमारे अमर वीरों को नमन करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित और अक्षुण्ण रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता उनकी भारत भूमि  के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है,” गृह मंत्री अमित शाह ने  अपने एक ट्वीट में कहा था।

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