“मुसलमानों का विश्वास” जीतने के लिए मोदी का एक और कदम, फलस्तीन का समर्थन!

नई दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच पिछले कई दिनों से चल रहे हिंसक संघर्षों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वर्चुअल बैठक में कांग्रेसी सरकारों की नीति का अनुसरण करते हुए इजराइल के रिहायशी इलाकों पर गाजा पट्टी से किए गए राकेट हमलों का विरोध”करते हुए फिलिस्तीन के “न्यायोचित हितों” का समर्थन किया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने भारत सरकार की ओर से अपनी गंभीर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव संख्या 2334 के समर्थन को दोहराया है संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2334 के मुताबिक 1967 के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्र में बसाई गई इजरायल की बस्तियां “अवैध “मानी जाएंगी।

उन्होंने दोनों देशों को जल्द से जल्द युद्ध विराम की घोषणा करते हुए शांतिपूर्ण समझौतों की ओर आने के लिए कहा है ।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया सूत्रों के मुताबिक भारत ने हमास और फिलिस्तीन का नाम लिए बगैर इसराइल के रिहायशी इलाकों में हुए रॉकेट हमले में भारतीय महिला की मौत पर भी दुख जताया है जैसे स्पष्ट है कि भारत फिलिस्तीन और हमास के खिलाफ कोई संदेश नहीं देना चाहता।

लेकिन भारत ने यूएनएससी यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो प्रतिक्रिया दी है उसमें भारत का झुकाव फिलिस्तीन की ओर दिखाई पड़ रहा है। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री का वह ट्वीट भी चर्चा में है जिनमें उन्होंने दुनिया के 25 देशों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया लेकिन भारत का जिक्र नहीं किया।

भारत की नरेंद्र मोदी का सरकार का इजराइल के खिलाफ किया रवैया चौंकाने वाला है क्योंकि यह माना जाता है कि जब जब भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है इजरायल की ओर से भारत को बिना शर्त सैन्य और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई गई है ।

यह माना जा रहा है कि भारत की मुस्लिम आबादी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है क्योंकि दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि वह देश में “सब का विश्वास” हासिल करने के लिए प्राथमिकता पर काम कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा फिलिस्तीन का समर्थन किए जाने की खबरें आने के बाद बड़े पैमाने पर मुस्लिम समाज के द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की जा रही है वहीं बहुत से लोग इसराइल को समर्थन दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

एजेंसी..

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