मोबाइल नेटवर्क बना दर्द : ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर दोहरी मार झेल रहे अभिभावक।

रिपोर्ट – रविनंन खजांची / मनीष निगम,

कोरोना महामारी लॉकडाउन के कारण प्रदेश के शैक्षणिक संस्‍थान विगत पांच माह से बंद है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का पठन पाठन भी ठप है। कई स्‍कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षा स्‍तर को सुचारू रखने के लिए ऑनलाईन क्‍लास की सुविधा शुरू की है।

जिसके तहत बच्‍चों को सोशल मीडिया अथवा अन्‍य ऑनलाईन माध्यमों से पढ़ाया जा रहा है। लेकिन बदहाल मोबाईल नेटवर्क व्‍यवस्‍था भी पिछले एक पखवाड़े से रोड़ा बनी हुई है। 4G का रिचार्ज करवाने के बाद भी मिलती है 2G और 3G की सुविधा बदहाल नेटवर्क के कारण वीडियो कॉलिंग के माध्‍यम से पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित है।

वहीं सोशल मीडिया पर शिक्षकों द्वारा भेजी गए नोट्स और बुक भी डाउनलोड में होने में काफी समय लग रहा है। ऐसे में कई बच्‍चे ऑनलाईन क्‍लास से दूर भाग रहे हैं। वहीं बदहाल नेटवर्क व्‍यवस्‍था स्कूल टीचर के लिए भी सिर दर्द बनी है। शिक्षकों को भी सोशल मीडिया में नोट्स शेयर करने में काफी समय लग रहा है। जिससे उनकी परेशानी भी बढ़ गई है। शिक्षकों ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से एयरटेल, जिओ, बीएसएनएल सहित अन्‍य सभी मोबाईल नेटवर्क का सरवर डाउन रहता है। जिससे ऑनलाइन क्‍लास कराने में परेशानी हो रही है,

वहीं अभिभावकों को भी पूरी स्कूल फीस भरने के साथ ही मोबाइल रिचार्ज और बच्चों को नए मोबाइल खरीदने का बोझ भी बढ़ा है जब कि आमदनी घट गई हैं ,ऐसे संकट काल मे जहां रोजी रोटी की व्यवस्था करना मुश्किल है, सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

अभिभावकों की स्थिति दुविधा भरी है ,जहां एक ओर खर्चे का भार, दूसरी और बच्चो के स्वस्थ की चिंता लगातार बढ़ रही है।

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