योगी के ADGP कह रहे थे’ नहीं हुआ हाथरस पीड़िता से गैंगरेप’, मोदी की CBI ने खोली पोल, लगाई चार्ट शीट!

हाथरस केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज हाथरस में विशेष न्यायाधीश बीडी भारती की SC/ST कोर्ट को चौंकाने वाली चार्जशीट दाखिल कर दी है l इस चर्चित मामले में जहां एक तरफ यूपी पुलिस तमाम फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर यह दावा कर रही थी कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ है वही सीबीआई ने पीड़िता के साथ गैंगरेप की बात को स्वीकार करते हुए चारों आरोपियों को सामूहिक बलात्कार और हत्या का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध आरोप पत्र सबूतों के साथ अदालत को सौंपा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी योगी सरकार में ताकतवर माने जाने वाले एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने इस सिलसिले में एक बयान दिया था जो 1 अक्टूबर को प्रकाशित भी हुआ था और उसमें यह कहा गया था कि “युवती के साथ गैंगरेप नहीं हुआ”। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया के सामने दावा किया था कि हाथरस कांड में पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ और उसकी मौत चोट की वजह से हुई थी लेकिन सीबीआई की कार्रवाई ने उत्तर प्रदेश पुलिस और उस के दूसरे सबसे बड़े अफसर एडीजी लॉन आर्डर प्रशांत कुमार के बयान को झूठ साबित कर दिया है।

आरोपी पक्ष के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया- CBI ने संदीप, रवि समेत चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट IPC की धारा 325-SC/ST एकट, 302, 354, 376A और 376 D के तहत है।

पीड़िता के भाई का होगा आधुनिक विधि से मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन—-

CBI पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइक्लोजिकल टेस्ट (मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन) के लिए गुजरात लेकर जाएगी। वहां उसका साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जाएगा। बता दें कि हाथरस केस में पीड़िता के भाई ने ही FIR दर्ज कराई थी। CBI ने 11 अक्टूबर को हाथरस केस की जांच शुरू की थी। अब तक पीड़ित व आरोपियों के परिजन समेत 50 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने का दावा करने वाले चश्मदीद छोटू से कई बार पूछताछ की गई। सीन री-क्रिएशन के साथ घटनास्थल का भी नक्शा बनाया गया।

हाथरस कांड के चारों आरोपियों का होगा चुका है ब्रेन मैपिंग टेस्ट—-

पिछले माह CBI ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को गुजरात ले जाकर ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया था। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले शुक्रवार को ही CBI को मिल चुकी है। सूत्रों की मानें तो CBI को कुछ ऐसी स्थितियां मिली हैं, जिनके सटीक जवाब चाहिए। इसी कारण पीड़िता के भाई का साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जा रहा है। इस विधि में मामले से संबंधित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रश्न किए जाते हैं। इस दौरान सभी प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती है। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षण और उद्देश्यों को मापा जाता है। इस वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने से जांच अधिकारियों को निष्कर्ष निकालने में आसानी होती है।

27 जनवरी को होगी सुनवाई–

कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय की है। कोर्ट ने उस दिन DM प्रवीण कुमार और SP रहे विक्रांत वीर को तलब किया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट की तरफ से पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया गया है। जिस पर पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने सवाल भी उठाए थे। कहा था कि कंपनसेशन DM को करवाना था, लेकिन वे कोई भी रुचि नहीं ले रहे हैं। इसीलिए न ही कोई कंपनसेशन मिल पाया है न ही नौकरी को लेकर कोई भी फैसला हो पाया है।

ये है मामला—-

14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया और बाद में उसके साथ मारपीट की। लड़की की हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने रातोंरात कर दिया था अंतिम संस्कार—–

आनन-फानन में लड़की के शव को हाथरस लेकर आई पुलिस ने बिना किसी परिवार के सदस्य की मौजूदगी के अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया और प्रदेश सरकार की चौतरफा फजीहत हुई। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने यहां तक कह दिया था कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ जिसको लेकर उनके ऊपर भी सवाल खड़े हुए थे वही अब सीबीआई की जांच ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के बयान को भी झूठा साबित कर दिया हैl हालांकि उसी समय मामला बिगड़ने पर योगी सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI जांच की सिफारिश की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *