लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी बाबुओं को लेकर एक नया आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 50 साल से अधिक उम्र वालों की स्क्रीनिंग के माध्यम से छंटनी की जाएगी। फिलहाल मुख्यमंत्री ने यह आदेश सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के बाबू के लिए दिया है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही यह नियम सभी विभागों में लागू करेगी। स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों की छंटनी के लिए चार सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है जो उनकी कार्यक्षमता, ईमानदारी और शारीरिक दक्षता के आधार पर स्क्रीनिंग करेगी। सरकार के आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में जो कर्मचारी अपने काम के प्रति लापरवाही कर रहे हैं उनको अभी स्क्रीनिंग के माध्यम से छांट दिया जाएगा।
वहींआदेश जारी होने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।सरकारी आदेश आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। आदेश में कहा गया है कि सरकारी चिकित्सालयों में काम कर रहे हैं लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की सेवा दक्षता सुनिश्चित करने और अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश भर में लिपिक संवर्ग के 14 साल से 15 100 कर्मचारी कार्यरत हैं इन कर्मचारियों में 50 वर्ष की उम्र से अधिक के लगभग 30 से 40% कर्मचारी हैं यानी लगभग आधा बाबू वर्ग 50 वर्ष की उम्र वाला है।
सरकार की तरफ से बनाई गई इस कमेटी में चार सदस्य शामिल है जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की कार्यवाही पूरी करने के बाद रिपोर्ट नियुक्त पदाधिकारी को सौंपेंगे। इस कमेटी में प्रशासन को अध्यक्ष बनाया गया है तथा उनके साथ निदेशक, संयुक्त निदेशक तथा वरिष्ठ लेखा अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।
प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात साफ कर दी थी कि उनके राज में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। वहीं पिछले कई से लगातार स्वास्थ्य विभाग में कई घटनाएं हुईं जिससे सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ा। सरकार की तरफ से बार-बार चेतावनी देनें के बाद भी स्वास्थ्य महकमे में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया।सरकार के इस आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ ही बाकी विभागों के कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में सरकारी कर्मचारी इस आदेश का विरोध कर रहे हैं और फैसले से नाराज होकर लिपिक संवर्ग ने 14 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है।
प्रदेश की योगी सरकार का डंडा पुलिस महकमें पर भी पड़ा था। सरकार नें ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट बनानें का आदेश जारी किया था जिनका काम-काज अपेक्षित प्रदर्शन के अनुकूल नहीं है। पिछले दिनों सरकार नें भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देनें का फैसला किया था। ऐसे 30 अफसरों की पहचान भी कर ली गई है, जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
आराधना शुक्ला की रिपोर्ट!