रिलायंस के साथ डील को लेकर ऐमेज़ॉन नाराज फ्यूचर ग्रुप को भेजा नोटिस!

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन नें फ्यूचर ग्रुप को कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील करके अमेज़ॉन के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन किया है। दरअसल यह नोटिस फ्यूचर को कूपंस को मिला है। अमेज़ॉन ने पिछले साल फ्यूचर कूपंस लिमिटेड में 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। फ्यूचर कूपंस लिमिटेड प्रमोटर एंटिटी है और इसकी फ्यूचर रिटेल में 7.3 फ़ीसदी हिस्सेदारी है।
अमेज़ॅन नें कहा है कि फ्यूचर रिटेल में अपनी 49 फीसदी हिस्सेदारी लेनें का पहला अधिकार उसका है, हालांकि 2019 में अमेज़ॅन और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे में कहा गया था कि उस समय से तीन साल बाद तक एफडीआई मानदंडों के अधीन, फ्यूचर रिटेल के प्रमोटर्स अमेज़न को आंशिक या नियंत्रित हिस्सेदारी बेच सकते हैं।


उद्योग जगत के शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फ्यूचर ग्रुप के लिए कानूनी नोटिस चौकानें वाली है क्योंकि रिलायंस के साथ डील से पहले अमेज़न से भी निवेश के लिए संपर्क किया गया था। डील के बाद अमेज़ॅन को भी लूप में रखा गया था जब रिलायन्स के साथ डील को अंतिम रूप दिया गया तब अमेज़न ने कहा कि उसे कोई आपत्ति नहीं है।
सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि, यह हैरान करने वाली बात है कि अमेज़न ने सौदा होने के लगभग दो महीने बाद एक कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने पहले कुछ क्यों नहीं कहा? हमारे पास उनके साथ चर्चा का सबूत है। इसके अलावा, अमेज़न इस समझौते के तहत तीन साल में फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी ले सकता है। अभी एक साल ही हुआ है। डील की शर्तें यह भी बताती हैं कि यह प्रचलित एफडीआई मानदंडों के अधीन है और वर्तमान मानदंड किसी विदेशी इकाई को भारतीय खुदरा फर्म में प्रत्यक्ष नियंत्रण हिस्सेदारी लेने की अनुमति नहीं देते हैं। इसलिए, अमेज़न के नोटिस का कोई कानूनी आधार नहीं है।
●क्या है मामला
गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड नें फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व थोक कारोबार और लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउसिंग बिजनेस का अधिग्रहण किया है। यह अधिग्रहण 24,713 करोड़ रुपये में तय किया गया था। इस अधिग्रहण योजना के तहत फ्यूचर ग्रुप अपनी कुछ कंपनियों का विलय फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में कर रहा है। फ्यूचर ग्रुप के खुदरा और थोक कारोबार को आरआरवीएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड को ट्रांसफर किया जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट के तहत फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस का अधिग्रहण भी किया जाएगा। हालांकि, फ्यूचर समूह के वित्तीय एवं बीमा कारोबार इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं। इस अनुबंध के बाद फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, एफबीबी, ईजीडे जैसे स्टोर रिलायंस रिटेल के हो जाएंगे।
●फ्यूचर ग्रुप मध्यस्थता के जरिये इस विवाद को सुलझाना चाहता है
अमेजन ने अपने लीगल नोटिस में अनुबंध की व्यवस्था का हवाला दिया है जिसमें उन कंपनियों की एक लिस्ट शामिल है जिनके साथ फ्यूचर ग्रुप सौदा नहीं कर सकता।अमेजन के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि कंपनी कार्रवाई शुरू कर चुकी है। अमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप के इस विवाद को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि मामला कोर्ट भी जा सकता है लेकिन फ्यूचर ग्रुप मध्यस्थता के जरिये इस विवाद को सुलझाना चाहता है।

  • अराधना शुक्ला

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