लखनऊ : मिशन शक्ति के तीसरे चरण का लखनऊ से हुआ आगाज, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने की मुख्यमंत्री योगी की तारीफ।


लखनऊ : उत्तर प्रदेश की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए मिशन शक्ति तीसरे चरण के अभियान का आगाज हो गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जहां गांवों में रहने वाली महिलाओं तक बैंक की सुविधा पहुंचाने के लिए महिला मित्रों का गठन किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, यूपी में 75 जिले हैं। मैं मुख्यमंत्री जी की ऊर्जा को देखकर खुश होती हूं कि इतने बड़े प्रदेश में मुख्यमंत्री हर जिले में कम से कम 2 बार से ज्यादा दौरे करते हैं। ऐसे ऊर्जावान मुख्यमंत्री हों तो कोई भी प्रदेश स्पीड से आगे बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री जी की ऊर्जा को देखते हुए कह रही हूं कि उत्तर प्रदेश का फ्यूचर ब्राइट है, भविष्य उज्ज्वल है।
इस दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद सैनिक स्कूलों में बेटियों को दाखिले की मंजूरी मोदी सरकार ने दी। पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक साथ 11 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। जब प्रोत्साहन मिलता है तो महिलाएं किसी भी काम को अच्छे से करतीं हैं। उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं को ध्यान में रखकर ही हर योजनाओं को बनाया है। हम वैक्सीन के बारे में काम कर रहे हैं। देश में 6 वैक्सीन बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, प्रदेश में डेढ़ लाख पुलिस की भर्तियां हुईं हैं। इसमे 20% बालिकाएं हैं। पहले महिला आरक्षियों की नियुक्ति फील्ड में नहीं होती थी। केवल कंप्यूटर पर बैठा दिया जाता था। आज 10 हजार महिला पुलिस बीट की नियुक्तियां हुई। ये बालिकाएं गांव में जाएंगी और सीधे महिलाओं की शिकायतों को सुनेंगी।

मुख्यमंत्री ने कोरोना का भी जिक्र किया। बोले, कोरोना कालखंड में जब जनता त्रस्त थी तब प्रधानमंत्री के प्रेरणा से स्वास्थ्यकर्मियों को एक सुरक्षा कवच प्रदान किया गया। उसका परिणाम है कि 24 करोड़ की आबादी में मात्र 24 केसेज रह गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ बोले कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ग्राम समाज में महिलाओं को उनके गांव में मालिकाना हक मिल रहा है। प्रदेश के 5 जनपदों में महिलाओं के लिए मिल्क प्रोड्यूसर का गठन किया गया।
हमने डेढ़ लाख पुलिस की भर्तियां की। इसमे 20% बालिकाएं हैं। प्रदेश में 10 हजार से अधिक महिला पुलिस बीट की नियुक्तियां हुईं। आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा राज्य है। इसके बावजूद कोरोनाकाल के दौरान प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को राशन वितरण करने के लिए एक अभियान चलाया गया।
पहले माताओं बहनों को जनधन अकाउंट के माध्यम से बैंकों से पैसे निकालने के लिए लाइनें लगानी पड़ती थीं, लेकिन हमने उनकी सुविधा के लिए बैंकिंग सखी का गठन किया। अब उनको कहीं लाइन लगाने की जरूरत नहीं। महिला स्वयं सहायता समूहों ने नई कहानियां लिखी। प्रदेश में एक करोड़ से अधिक बहनें सरकार के सहयोग से अपनी बेहतरी के लिए कार्य कर रहीं हैं।
यहां उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पिछले 4 वर्षों मे अच्छा काम किया।
2017 से पहले क्या था? जनता सब जानती है। हमने प्रदेश में आने के बाद तत्काल नारी सुरक्षा का एक विशेष अभियान प्रारंभ किया। यही कार्यक्रम मिशन शक्ति के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। आज तीसरा चरण सफलतापूर्वक शुरू हो रहा।

लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में कोरोनाकाल में लोगों की सेवा करने वाली 75 महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सीएम निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 29.68 लाख निराश्रित महिलाओं के खातों में 451 करोड़ रुपए सीधे तौर पर हस्‍तांतरित किया गया। इसके साथ ही 1.73 लाख से ज्यादा नए लाभार्थियों को इस योजना से जोड़ा गया है। इसके अलावा सुमंगला योजना के तहत 1.55 लाख बेटियों के खाते में 30.12 करोड़ रुपए भी ट्रांसफर किए गए।

कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्र की कई महिलाओं ने शिरकत की।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 1.55 लाख बेटियों के खातों में 30.12 करोड़ रुपए ट्रांसफर किया गया। राज्‍य सरकार 59 हजार ग्राम पंचायत भवनों में मिशन शक्ति कक्ष की शुरुआत भी हुई। कार्यक्रम के दौरान महिला बीट पुलिस अधिकारियों और आरक्षियों को भी सम्मानित किया गया।
इस दौरान महिला बीट पुलिस अधिकारियों के लिए 84.79 करोड़ की लागत से 1286 थानों में बनाए गए पिंक टॉयलेट का भी शुभारंभ किया गया। महिला बटालियनों के लिए 2982 पदों के लिए विशेष भर्ती का भी ऐलान हुआ। सभी पुलिस लाइन में बालवाड़ी क्रेच की स्‍थापना की जाएगी।


मिशन शक्ति का तीसरा चरण गई मायनों में खास होगा। बालिनी दुग्ध उत्‍पादक कंपनी की तर्ज पर नई कंपनियां स्‍थापित होंगी। सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और रामपुर जिलों में भी ऐसी निर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही, दिसंबर तक एक लाख नए स्वयं सहायता समूह बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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