लौटेगा ठाट, छूटा टेंट और टाट, शीघ्र ही अपने मंदिर में विराजेंगे राम लला, अयोध्या के दिन बहुरेंगे।

रिपोर्ट – राम प्रकाश त्रिपाठी,

अयोध्या। भगवान राम ने अपने जीवन काल में तो वनवास भोगना ही पड़ा था, वर्तमान समय में भी उनके विग्रह को कम कष्ट नहीं देखने पड़े। श्री राम जन्मभूमि में विराजमान राम लला के विग्रह को लंबे समय तक आंधी-पानी, धूप-छांव, सर्दी-गर्मी सहते हुए टेंट और टाट में रहना पड़ा। अब यह सब बदलने जा रहा है। उनके ठाट लौटने वाले हैं। इसके साथ ही इस धर्म नगरी का भी खोया वैभव वापस आने जा रह है। यह संकेत तो प्रधानमंत्री ने ही दे दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास के लिए अपना संकल्प बारंबार जता चुके हैं। भगवान शीघ्रातिशीघ्र अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो, ऐसी सद्इच्छा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्याय से अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने प्रधानमंत्री के सम्मुख भी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि समस्त संत समाज, करोड़ों राम भक्तों की इच्छा है कि वे शीघ्र भगवान राम को उनके भव्य दिव्य प्रासाद में दर्शन करें।

बताते चलें कि अयोध्या में भगवान आक्रांता बाबर के सेनापति मीर बाकी ने जब भव्य राम मंदिर परिसर को ढहा कर वहां पर मस्जिद का बनवाई, तब से भगवान राम लला के विग्रह को कभी गर्भ गृह के बाहर चबूतरे पर, कभी, भीतर रहना पड़ा। इसके बाद वह दिन भी आया जब जनाक्रोश में बाबरी ढांचा नेस्तनाबूद हो गया। ढांचा ढहने से राम लला के सिर से वह छत भी हट गई जो ढांचे के रूप में थी। हालांकि तत्काल कारसेवकों ने कपड़े से राम लला के लिए एक अस्थाई ढांचा खड़ा कर दिया। क्योंकि कुछ भी स्थाई करने का उनको मौका नहीं मिला और पूरे परिसर को सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया। राम लला को टेंट में लंबे समय तक रहना पड़ा।

इसके बाद एक लंबी लड़ाई राम लला को सुरक्षित छत दिलाने के लिए अदालत में शुरू हुई। फिर मेकशिफ्ट स्ट्रक्चर बनाने की छूट मिली और फिर फाइबर का एक ढांचा भी लगाने की अनुमति मिल गई थी। 1992 से लेकर अब तक यह हाल रहा। नौ नवंबर को श्री राम जन्मभूमि का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद हालता बदलने लगे और कुछ व्यवस्था पहले से बेहतर होने लगी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप सिंह ने भगवान राम लला समेत सभी भाइयों के लिए सिंहासन की व्यवस्था की है। वस्त्र और आभूषण भी भव्य होने लगे हैं। राम लला का आज श्रृंगार यहां की खोई आभा के लौटने का संकेत दे रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *