वाराणसी :मुख्यमंत्री योगी ने भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलन को किया सम्बोधित।

वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित कमच्छा में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में 2017 के पहले यह धारणा थी कि यहां रहने लायक माहौल नहीं है। हर तीसरे दिन दंगे होते हैं। शासन और प्रशासन में माफियाओं का शिकंजा है। भ्रष्टाचार में सरकारी तंत्र डूबा हुआ है। लेकिन, साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश को लेकर देश और दुनिया के लोगों की धारणा बदली है। इसमें समाज के प्रबुद्ध लोगों की अहम भूमिका रही है।
उत्तर प्रदेश में जो बदलाव आया है वह यहां के लोगों के सामूहिक योगदान का परिणाम है। काशी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के 15वें संस्करण के आयोजन और प्रयागराज के महाकुंभ ने देश और दुनिया को दिखाया कि उत्तर प्रदेश अब क्या है, यहां क्या संभावनाएं हैं और कैसा बेहतर माहौल है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारें आएंगी और जाएंगी, जो आया है उसे जाना ही है। लेकिन, पहले सरकारें एक संकीर्ण एजेंडे के साथ आती थीं। आजादी के बाद बहुत सी सरकारें आईं। लेकिन एक विशिष्ट आयोजन के साथ कोई काशी विश्वनाथ मंदिर आए, ऐसा नहीं होता था। चोरी-छुपे लोग जरूर आते थे। मथुरा और अयोध्या तो कोई कभी जाता ही नहीं था। भारतीय आस्था और संस्कृति के केंद्र में आने में लोग न जाने क्यों संकोच महसूस करते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदप्रयासों के बाद अब एक होड़ सी लगी हुई है। आजादी के बाद एक नेतृत्व ने सोमनाथ मंदिर को लेकर गजब का रुख दिखाया और एक नेतृत्व अब है जो राम मंदिर, काशी, विंध्याचल, मथुरा से खुद को जोड़ कर चल रहा है।
कैंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कमच्छा स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शिक्षा संकाय के चाणक्य सभागार में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय के बराबर होगी। निवेशक कहते थे कि उत्तर प्रदेश में निवेश का माहौल नहीं है। आज स्थिति यह है कि कोरोना काल में भी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त निवेश हुआ। हम चीन का पहला निवेश 5000 करोड़ रुपए का लेकर आए। इसके बाद लगभग 66 हजार करोड़ का निवेश उत्तर प्रदेश में हुआ।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन में कोटा में रह रहे बच्चों को राजस्थान सरकार के सहयोग के बगैर हमने उनके घरों तक पहुंचाया। फिर प्रयागराज में फंसे 15 हजार बच्चों को उनके घर पहुंचाया। 40 लाख कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाने के साथ ही हमने पड़ोस के राज्यों को नागरिकों को भी उनके घर तक पहुंचाया। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर आ गई। ऑक्सीजन की किल्लत हमने देखी, लेकिन अब हम उसमें भी आत्मनिर्भर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया के सामने एक बेहतर कोविड प्रबंधन प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1916 में महात्मा गांधी काशी आए थे तो काशी विश्वनाथ मंदिर के चौतरफा गंदगी देख वह बहुत आहत हुए थे। उनके नाम पर सरकार बनाने वाले कभी राष्ट्रपिता की बातों पर ध्यान नहीं दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपिता की बातें याद थीं। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र को एक भव्य रूप देने का संकल्प लिया और आज परिणाम सबके सामने है। ऐसी ही व्यवस्था अयोध्या और विंध्याचल में भी हो रही है। जो हमारे गौरव हैं, जो भारतीयता के परिचायक हैं, हमें उनके बारे में हमेशा सोचना चाहिए और बेहतर करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का दौर अभी लंबा चल सकता है। हमें विचार करना होगा कि हम बच्चों को कैसे शिक्षा से जोड़े रहें। इसके लिए तकनीक की जरूरत है, लेकिन जिसके पास स्मार्ट फोन वगैरह नहीं हैं वह शिक्षा से कैसे जुड़ें। हमें उन बच्चों के लिए सहज तकनीक की खोज करनी होगी। शिक्षक गांवों में जाकर ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा दें। यह परंपरा गुरुकुल के जमाने से रही है। इन चुनौतियां का सामना करने के लिए काशी का शिक्षक समाज आगे आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार और भयमुक्त वातावरण देने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। हमारा उद्देश्य एकमात्र सुशासन है। हमका सबके विकास की भावना से काम कर रहे हैं। काशी के विद्वत समाज से अनुरोध है कि वह हमेशा की भांति समाज को नई दिशा देने के लिए अपना योगदान देते रहें। विद्वत समाज हमेशा समाज को सकारात्मक ऊर्जा दे सकता है। काशी तो अनादि काल से देश और दुनिया के लिए मार्गदर्शक का काम करती चली आ रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए कैंट विधानसभा के विधायक सौरभ श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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