वाह मित्र पुलिस: युवक को कथित केस में जेल भेजा और उसके ₹5000 भी हजम कर गए!

पुलिस विभाग में जहां कुछ अफसर और कर्मचारी अच्छे काम कर रहे हैं वहीं बहुत से अधिकारी और कर्मचारी पाप की कमाई के लालच में आम जनता के शोषण के लिए मौका ढूंढते ही रहते हैं।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी लखनऊ के काकोरी थाने का यह राजधानी लखनऊ जहां कमिश्नरेट प्रणाली स्थापित की गई है एक भारी-भरकम पुलिस व्यवस्था तैनात की गई है लेकिन यहां तो पुलिस के लोग खुद ही आम जनता के शोषण और उत्पीड़न के लिए तैयार दिखाई पड़ते हैं..

चेहरे पर मायूसी और अपमान का दर्द लिए इस नौजवान का नाम है तेज सिंह… तेज सिंह के मुताबिक 14 दिन पहले दुबग्गा चौराहे पर वह स्कूटी से जा रहे थे कि अचानक एक लोडर वाहन ने उनकी स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी स्कूटी डैमेज हो गई जिसके बाद विवाद हुआ और लोडर वाले ने सुलह करने के लिए उन्हें 12 सो रुपए स्कूटी रिपेयरिंग के हर्जाने के तौर पर दिए।

इसके बाद लोडर चालक ने चालाकी दिखाते हुए काकोरी थाने पर मौजूद अपने खास पुलिसकर्मी के साथ मिलकर प्राइवेट कंपनी में छोटी सी नौकरी करने वाले नौजवान तेज सिंह को 12 सो रुपए की वसूली के मुकदमे में धारा 386 के तहत जेल भिजवा दिया ।

अब आप सोचिए की प्रेम सिंह की स्कूटी लोडर की टक्कर से क्षतिग्रस्त हुई स्कूटी रिपेयरिंग के लिए लोडर चालक ने उन्हें मात्र 12 सो रुपए दिए और काकोरी की पुलिस की न्याय प्रियता देखिए कि जो पैसे स्कूटी की मरम्मत के लिए दिए गए थे उसी 12 सो रुपए के आधार पर वसूली का एक केस बना दिया जाता है और एक युवा के खिलाफ रस्सी का सांप बनाते हुए उन्हें 13 दिन के लिए जेल भेज दिया गया।

इससे भी ज्यादा शर्मनाक मामला तब सामने आया जब तेज सिंह जेल से वापस आए।

दरअसल जब तेज सिंह को जेल भेजा गया तब उनकी पॉकेट में ₹5000 मोबाइल फोन हेडफोन घड़ी और पर्स मौजूद थे जेल जाने के पहले पुलिस वालों ने जामा तलाशी लेकर उनका सारा सामान थाने पर रखवा लिया।

जब वह 13 दिन की जेल काट कर परेशान हालत में वापस थाने आए और अपने पैसे और वस्तुओं को वापस मांगा तो पुलिस का और भी शर्मनाक चेहरा सामने आ गया

तेज सिंह के मुताबिक वह यह देखकर और भी दंग रह गए कि जिस पुलिस ने उन्हें एक फर्जी केस में जेल भेजा उसी पुलिस ने खुद ही उनके पैसे और कीमती सामान को लूट लिया।

पीड़ित के अनुसार काकोरी पुलिस ने केवल सेल फोन और पर्स लौटाया बाकी ₹5000 घड़ी और हेडफोन पुलिस वाले हजम कर गए जब थाने पहुंचकर पुलिस वालों से अपनी वस्तुएं वापस मांग रहे हैं तो आप वायरल वीडियो में देखे कि पुलिस वाले आपस में क्या बात कर रहे हैं और एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं।

कुल मिलाकर हमारा पुलिस तंत्र किस तरह से निर्दोषों को आम लोगों को परेशान करता है उन्हें अपमानित और कुंठित कर देता है और उनके दिल में पुलिस व्यवस्था और कानून व्यवस्था के प्रति कितनी गहरी चोट देता है , यह आप इस खबर से समझ सकते हैं पुलिस की एक गलत कार्रवाई किसी आम इंसान को जिंदगी भर के लिए पीड़ित करती है पुलिस का एक फर्जी मुकदमा किसी निर्दोष के जीवन को बर्बाद कर देता है और जो सबसे बड़ा नुकसान होता है वह यह होता है कि इस सिस्टम के प्रति आम लोगों का भरोसा टूट जाता है।

लोग पुलिस और कानून व्यवस्था को हमेशा नकारात्मक नजरों से देखते हैं।

इस मामले में लखनऊ कमिश्नरेट के पुलिस अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए क्या कार्रवाई होती है देखा जाएगा, लेकिन एक नौजवान को पुलिस ने जो तकलीफ दी है उसकी भरपाई कैसे होगी यह सोचने वाली बात है।

राजधानी लखनऊ से दा इंडियन ओपिनियन के लिए आनंद मिश्रा की रिपोर्ट।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *