विदेशी ट्विटर की मनमानी, उपराष्ट्रपति के बाद मोहन भागवत समेत कई नेताओं को किया “अपमानित”!

अमेरिकी सोशल मीडिया एजेंसी टि्वटर कि भारत में मनमानी जारी है पहले ट्विटर ने भारत सरकार के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया भारतीय कानूनों का पालन नहीं किया और अब भारत सरकार को झटका देते हुए ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट को अनवेरीफाई करते हुए ब्लू टिक वापस ले लिया।

इतना ही नहीं केंद्र सरकार में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की मात्र संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट को भी ट्विटर के संचालकों ने अनवेरीफाई कर दिया और ब्लूटिक वापस ले लिया इसके अलावा भाजपा की विचारधारा को समर्थन देने वाले संघ समेत कई संगठनों से जुड़े नेताओं के टि्वटर अकाउंट को झटका देते हुए ट्विटर संचालकों ने अन वेरीफाई कर दिया है।

ट्विटर की इस कार्यवाही को केंद्र सरकार और उनके सहयोगी संगठनों के खिलाफ एक अपमानजनक कार्रवाई माना जा रहा है।क भारत सरकार की आपत्ति के बाद ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट को पूरा वेरीफाई कर दिया है लेकिन इसके बाद आर एस एस के कई बड़े नेताओं को झटका दे दिया है।

दरअसल पिछले दिनों केंद्र सरकार ने ट्विटर को चेतावनी दी थी कि उसे भारत में भारतीय संसद से पारित कानूनों का पालन करना ही होगा ट्विटर भारत सरकार द्वारा पारित आईटी रूल्स 2021 का उल्लंघन कर रहा था और सरकार की चेतावनी के बावजूद ट्विटर ने बहुत से ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई नहीं की थी जो देश विरोधी सामग्री को प्रचारित प्रसारित कर रहे थे इस बात को लेकर ट्विटर को भारत सरकार ने कानूनी नोटिस दिया था।

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दफ्तर जाकर नोटिस भी दिया था ट्विटर ने इस बात को लेकर भारत सरकार पर आरोप भी लगाए थे कि वह अभिव्यक्ति की आजादी को अप्रत्यक्ष रूप से दबाना चाहती है कुल मिलाकर भारत में अपने फॉलोअर्स की बढ़ती हुई संख्या देखकर ट्विटर ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह भारत सरकार को ब्लैकमेल कर रही है और सरकार से खुलेआम दो-दो हाथ करने के मूड में है।

वही बार-बार चेतावनी देने के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ट्विटर के खिलाफ केवल चेतावनी ही जारी करती है कड़ी आलोचना ही करती है कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाती।

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