शर्म करो सरकार, शर्म करो आंदोलनकारियों, आप का खर्च उठाने वाली जनता, बिजली पानी ना मिलने से बेहाल है!

जनता के पैसों से वेतन सुविधाएं लेने वाले विद्युत अधिकारी कर्मी हड़ताल के नाम पर जनता को ही रुला रहे हैं!

कहने को तो उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग एक उपभोक्ता विभाग है आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई से बिजली का बिल सरकार को तमाम प्रकार के टैक्स देती है महंगाई झेलती है और जनता के उसी पैसों से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तमाम सुविधाएं मिलती हैं लेकिन अक्सर अधिकारी कर्मचारी अपने फायदे के लिए आम जनता को खून के आंसू रुलाने का मौका नहीं छोड़ते।

बिजली विभाग में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही का इलाज के नाम पर सरकार इस विभाग का निजीकरण करना चाहती है बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ताओं का कहना है कि निजीकरण जरूरी है जिससे अधिकारी कर्मचारी अनुशासन से काम करें और जनता को समय रहते सही कीमत पर बिजली सप्लाई मिल सके सरकारी अधिकारी कर्मचारी इमानदारी से अपना काम नहीं करना चाहते जनता को अच्छी सेवाएं नहीं देना चाहते और निजीकरण का विरोध करने के लिए बड़े-बड़े आंदोलन करते हैं ताकि उनकी लापरवाही आराम तलबी बनी रहे निजी करण होने पर उन्हें मेहनत करनी पड़ेगी इसीलिए निजीकरण के खिलाफ बड़े-बड़े आंदोलन किए जाते हैं।

प्रदेश सरकार की लापरवाही से 24 घंटे से उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग को लेकर आंदोलन के नाम पर आम जनता का शोषण किया जा रहा है विद्युत मंत्री के द्वारा आश्वासन दिया गया कि निजीकरण नहीं होगा इसके बावजूद संगठन अराजकता पर आमादा हैं और आंदोलन के नाम पर उत्तर प्रदेश में लाखों-करोड़ों उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के लाखों घरों में बच्चे और बुजुर्ग सभी परेशान हैं लोगों को पानी भी नहीं मिल पा रहा है हालत यह है कि घरों में खाना बनाने के लिए नहाने धोने और शौच जाने के लिए भी पानी उपलब्ध नहीं है लेकिन स्वार्थी और संवेदनहीन विद्युत अधिकारियों और कर्मचारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार भी लापरवाह संवेदनहीन साबित हुई है क्योंकि सरकार को पहले से पता था कि बड़ा आंदोलन होने वाला है तो सरकार को विद्युत कर्मचारियों और अधिकारियों के संगठनों से वार्ता करके इस आंदोलन को रोकने का प्रयास करना चाहिए था। क्या सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग नहीं जानते कि आज विद्युत सप्लाई लोगों के लिए अति आवश्यक सेवा बन चुकी है ?
बिजली पर ही लोगों का जीवन आश्रित है बिजली पर ही पानी की सप्लाई आश्रित है ऐसे में बिजली की सप्लाई बंद होने से लोग इतना परेशान होंगे इसका अंदाजा लगा पाने में यदि सरकार के बड़े अफसर और नेता विफल रहे तो फिर निश्चित तौर पर वह अपना काम करने के योग्य नहीं है।

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