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संघर्षों में आता है जिनको आनंद राजनीति में चर्चित है बाराबंकी के विवेकानंद!

विवेकानंद पांडे बाराबंकी की सियासत के सबसे चर्चित किरदारों में से एक हैं जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर बिना किसी राजनैतिक सरपरस्ती के सियासत की कठिन रास्तों पर अपने सफर को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया लगभग 4 दशक के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में विवेकानंद पांडे अयोध्या से लेकर लखनऊ तक अपना प्रभाव रखते हैं और बाराबंकी के दरियाबाद क्षेत्र पंचायत में लंबे समय से ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर इनका और इनके परिवार का कब्जा और प्रभाव रहा है।

दरियाबाद क्षेत्र से कई बार विधायक और मंत्री रहे राजा राजीव कुमार सिंह से एक जमाने में विवेकानंद पांडे की बड़ी निकटता थी विवेकानंद कहते हैं कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से राजा राजीव कुमार सिंह की मुलाकात कराई थी और उन्हें भाजपा में शामिल करवाया था कई बार राजीव कुमार सिंह को विधानसभा चुनाव जीतने में विवेकानंद पांडे ने अपनी पूरी ताकत लगा कर उनके रास्तों को आसान किया बावजूद इसके राजीव कुमार सिंह विवेकानंद पांडे को अपना राजनैतिक दुश्मन समझने लगे और कई बार उनको हर तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी की गई।

विवेकानंद पांडे बताते हैं कि उन्हेंने उस दौर में ब्लाक प्रमुख का चुनाव जीता जब बाराबंकी में समाजवादी पार्टी का दबदबा इस कदर था इस सपा की विचारधारा के खिलाफ सियासत करने वालों पर एनडीपीएस और गैंगस्टर के मुकदमे लाद दिए जाते थे बहुत लोगों की फर्जी मुकदमों में जिंदगी बर्बाद हो गई उत्पीड़न हुआ बहुत से लोगों ने सपा के ताकतवर नेताओं के आगे सरेंडर कर दिया लेकिन कुछ विरले लोग धारा के विपरीत संघर्ष करते रहे। बहुजन समाज पार्टी से दो बार विधानसभा का चुनाव लड़कर अच्छे वोट हासिल करने वाले विवेकानंद पांडे वैसे तो राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही भाजपा की विचारधारा से जुड़े रहे लेकिन बीच के वर्षों में कुछ समय के लिए बहुजन समाज पार्टी में रहे।

फिलहाल विवेकानंद पांडे पिछले कई वर्षों से भाजपा नेता के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं । बताते हैं कि 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा नेताओं ने उनसे वादा किया था कि उन्हें यदि विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिल रहा है तो उन्हें सदस्य विधान परिषद के लिए जरूर मौका दिया जाएगा फिर भी विवेकानंद पांडे कहते हैं कि मेरी इच्छा तो है कि मुझे एमएलसी चुनाव का अवसर दिया जाए और यह में मजबूती से कह सकता हूं कि यह चुनाव लड़कर जीत कर एमएलसी सीट पार्टी के नेतृत्व में हासिल की जाएगी लेकिन मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं पार्टी किसी को भी टिकट देगी उसके लिए पूरी ताकत लगाऊंगा और पार्टी के सभी निर्देशों का पालन करूंगा ।

विवेकानंद पांडे चाहे दरियाबाद में मौजूद हूं या फिर बाराबंकी में सुबह होते ही उनके आवास और कार्यालय पर बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए आते हैं वह यथासंभव लोगों की मदद के लिए काम करते हैं उनका कहना है कि क्षेत्र में भी वह सर्वाधिक समय देते हैं और लोगों के सुख दुख में हर तरह से शामिल होने का पूरा प्रयास करते हैं।

बाराबंकी में सदस्य विधान परिषद का चुनाव लगातार रोचक होता जा रहा है सत्ताधारी पार्टी में कई दावेदार हैं प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है लेकिन सभी नेताओं तो यही कहना है कि “हम पूरी तरह से मैदान में उतरने को बेकरार हैं लेकिन पार्टी के सभी निर्देशों को मानने के लिए तैयार हैं”।

द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी

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