सपा के संस्थापक रहे पूर्व सांसद राम सागर रावत हैदरगढ़ में कैसे बचाएं बेटे का राजनीतिक अस्तित्व?

बाराबंकी में समाजवादी पार्टी के वर्तमान में वरिष्ठतम नेता और कई बार सांसद रहे राम सागर रावत अब वयोवृद्ध नेताओं में गिने जाते हैं लेकिन अभी वह पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रियता से भाग लेते हैं । उनके बेटे राम मगन रावत को समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक भी बनने का मौका मिला लेकिन इस बार राम मगन रावत के लिए समाजवादी पार्टी का टिकट हासिल करना बहुत आसान नहीं दिखाई पड़ रहा है क्योंकि हैदरगढ़ में समाजवादी पार्टी के टिकट की दावेदारी के लिए कई दिग्गज संघर्ष कर रहे हैं।

पूर्व विधायक, राम मगन रावत

हैदरगढ़ विधानसभा से वर्तमान में भाजपा के बैजनाथ रावत विधायक हैं इसके पहले इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था और राम मंगल रावत जो कि पूर्व सांसद रामसागर रावत के पुत्र हैं वह हैदरगढ़ से विधायक थे लेकिन 2017 का विधानसभा चुनाव राम मगन रावत बैजनाथ रावत से हार गए थे।

इस बार समाजवादी पार्टी की ओर से हैदरगढ़ में गौतम रावत की भी दावेदारी मजबूत है गौतम रावत कई साल हैदर गढ़ विधानसभा में मेहनत कर रहे हैं गांव गांव का भ्रमण कर चुके हैं ऐसी कोई सड़क और गली नहीं है जहां पर लोगों ने उनका चेहरा ना देख लिया हो इसीलिए वह वहां पर समाजवादी पार्टी की ओर से टिकट के प्रबल दावेदार दिखाई पड़ते हैं।

गौतम रावत बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर ही वह हैदरगढ़ से तैयारी कर रहे हैं इसीलिए वह हैदर गढ़ में मकान और कार्यालय भी बना रहे हैं गौतम रावत यह भी कहते हैं कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद रामसागर रावत से भी आशीर्वाद लिया है और राम सागर रावत ने आशीर्वाद भी दिया है।

लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या राम सागर रावत जो कि पूर्व सांसद हैं और सपा के देश भर के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं, क्या अपने बेटे राम मगन रावत का राजनीतिक नुकसान करवा कर गौतम रावत को आशीर्वाद देंगे?

फिलहाल समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक हैदरगढ़ में कोई कितनी भी तैयारी कर ले लेकिन कई बार सांसद रहे राम सागर रावत की बात को पार्टी के बड़े नेता अनदेखा नहीं कर सकते राम सागर रावत पार्टी के सबसे ईमानदार और वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं जो कई बार सांसद रहने के बावजूद अपनी ईमानदारी और सादगी के चलते अपने गांव में ही रहते हैं। लेकिन हैदरगढ़ में टिकट हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी के अंदर से ही उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है अगर वह अपने बेटे को टिकट नहीं दिलवा पाए तो चुनाव के पहले ही राम सागर रावत के परिवार की बड़ी पराजय मानी जाएगी लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस बार हर सीट पर सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देना चाहते हैं ऐसे में गौतम रावत का दावा भी मजबूत है।

फिलहाल बाराबंकी की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव के पहले ही राजनीतिक दलों में टिकट का संग्राम देखा जा रहा है।

द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *