पाकिस्तान और चीन की साजिशों के चलते अफगानिस्तान में मजबूत हो रहे आतंकी संगठन तालिबान को रोकने के लिए अमेरिका ने हवाई हमले तेज कर दिए हैं गौरतलब है कि पिछले 2 महीनों में जैसे-जैसे अमेरिकी बल अफगानिस्तान छोड़कर वापस जा रहे हैं वहां तालिबान का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है और अफगानिस्तान की सरकारी फौज तालिबानी आतंकियों के आगे कमजोर पड़ रही है।
भारत ने इस बात को लेकर विश्व समुदाय के सामने चिंता जाहिर की थी और तालिबान के द्वारा किए जा रहे कत्लेआम और का मुद्दा बड़े देशों के सामने उठाया था जिसके बाद भारतीय प्रयासों का प्रभावशाली असर देखने को मिला है अमेरिकी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका की जमीनी सेना तालिबान से नहीं लड़ेगी लेकिन अमेरिकी एयरफोर्स जरूरत पड़ने पर अगर सेना की मदद करती रहेगी इसी बीच अमेरिकी मुंबई में पिछले 48 घंटों में तालिबान के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर हमला करके 2 दर्जन से अधिक तालिबानी आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है उसके अलावा तालिबान के हथियारों के भंडार और कई बख्तरबंद वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है।
अमेरिकी वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी जर्नल कैनेथ मैकेंजी ने कहा है कि अमेरिकी सरकार ने यह निर्णय किया है कि आतंकी संगठन तालिबान को एक बार फिर अफगानिस्तान को बर्बाद करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और हम अफगानिस्तान में लोकतंत्र समर्थक सरकार की मदद करेंगे।