सुख शांति प्राकृतिक जीवन देने वाले सैकड़ों गांव का अंत, बढ़ती आबादी का दर्द 28 नए नगर, कई नगरों का दायरा बढ़ाया!

देश में बढ़ती आबादी देश की सबसे बड़ी समस्या है और सभी समस्याओं का जड़ है बावजूद इसके बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए बीजेपी सरकार के गंभीर प्रयास अभी तक नहीं दिखाई दे रहे जबकि अधिक जनसंख्या घनत्व के चलते ही देश में प्रदूषण और कोरोनावायरस समेत तमाम अन्य संक्रामक बीमारियों का कहर टूटता है।

उत्तर प्रदेश कि योगी आदित्यनाथ सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन जी ने अवगत कराया है कि नगर विकास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभूतपूर्व निर्णय लिए गए हैं और बढ़ते शहरीकरण के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए कैबिनेट की बैठक में 28 नई नगर पंचायतों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 12 नगर पंचायतों की सीमा में विस्तार को मंजूरी दी गई है तथा 9 नगर पालिका परिषदों का सीमा विस्तार भी स्वीकृत किया गया है। उन्होनें बताया है कि राज्य के दो प्रमुख नगरों गोरखपुर और वाराणसी के सीमा में भी विस्तार प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है।

नगरीय निकायों के निकटवर्ती ग्रामों एवं कतिपय अन्य राजस्व ग्रामों में परिलक्षित शहरीकरण की प्रक्रिया एवं उनमें हो रहे अनियोजित विकास को नियोजित करने तथा अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत नए नगरीय निकायों के गठन एवं संबंधित नगरीय निकायों के सीमा का विस्तार किये जाने पर राज्य सरकार द्वारा निरन्तर बल दिया जा रहा है।

उ.प्र. में दिसम्बर, 2019 से पूर्व कुल 652 नगरीय स्थानीय निकाय थीं, जिनमें 17 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद एवं 437 नगर पंचायते थी। दिसम्बर 2018 में 56 नई नगर पंचायतों का सृजन किया गया एवं 41 नगर निकायों का सीमा-विस्तार किया गया तथा 2 नगर पंचायतों सिसवा बाजार जनपद महराजगंज एवं नगर पंचायत मंझनपुर जनपद कौशाम्बी का उच्चीकरण कर नगर पालिका परिषद का गठन कर शहरी क्षेत्र में वृद्धि की गई।

इसी प्रकार दिसम्बर, 2020 में कुल 276 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करते हुए 28 नई नगर पंचायतों का सृजन किया गया, 77 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करते हुए 12 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया। कुल 102 राजस्व ग्रामों को नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित करते हुए 09 नगर पालिका परिषदों की सीमा का विस्तार किया गया तथा नगर निगम गोरखपुर के 01 राजस्व ग्राम एवं नगर निगम वाराणसी में 09 राजस्व गांव सम्मिलित किए गए हैं।

सरकार का दावा है कि ऐसा उन्होंने जन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किया है लेकिन हकीकत यह है कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया है क्योंकि बढ़ती हुई जनसंख्या पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। बेलगाम जनसंख्या की वजह से जिन ग्राम पंचायतों में गंदगी और अव्यवस्था बढ़ती जा रही थी वहां ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त करके उन्हें शहरों और नगरों में तब्दील किया जा रहा है जबकि कड़वी सच्चाई यह है कि जिन ग्राम पंचायतों को शहरों में तब्दील किया गया वहां ग्राम पंचायतों की तुलना में ज्यादा गंदगी और अव्यवस्था दिखाई पड़ती है।

सरकार को बढ़ते हुए शहरीकरण पर रोक लगाने की जरूरत है क्योंकि शहरीकरण अपने आप में बहुत सी समस्याओं का केंद्र होता है इसकी वजह से प्रदूषण गंदगी महंगाई अपराध जैसी समस्याएं बढ़ती है!

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