रिपोर्ट – शरद राज सिंह,
कोरोना महामारी से बचने के लिए लागू लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते ज्यादातर धार्मिक मजहबी कार्यक्रम बंद है। वहीं प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर पूजा पाठ मूर्ति धार्मिक यात्रा जुलूस ताजियादारी आदि पर रोक लगा रखी है जिससे कि संक्रमण न फैले।
गणेश चतुर्थी के पर्व पर इस बार हिंदुओं का यह प्रमुख त्यौहार काफी फीका रहा मूर्ति कारों ने भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियां बना कर रखी थी लेकिन बहुत कम व्यापार से ही उनको संतोष करना पड़ा वही हाल ताजिया बनाने वाले मुस्लिम कारीगरों का भी है।
द इंडियन ओपिनियन संवाददाता ने जाना ताजिया विक्रेता का दद॔:
कोरोना महामारी के चलते इस बार देश मे गाइड लाइन के कारण सभी तयौहार साव॔जनिक स्थानों पर प्रतिबंधित है,जिसका असर जनमानस पे भी पडा है।इसका असर इन मौको पर बिकने वाले सामान पर भी असर देखने को मिल रहा है।
आने वाले रविवार को ताजिये रखे जायेंगे। संवाददाता ने जब घोसियाना निवासी मो० आरिफ से बात कि तो आरिफ ने बताया कि वो पिछले पांच साल से ताजिया बेच रहे है मगर इस बार कोरोना की वजह से धंधा बहुत मंदा है। कोरोना के कारण प्रतिबंध की वजह से छोटी ताजिये बिक रही है। हर साल पचास से साठ हज़ार कमा लेते थे लेकिन ग्राहको के कम आने से बहुत दिककत आ रही है। सुबह से अब तक दो चार ही बिकी है। मायुस बैठे आरिफ ने यह भी बताया कि ताजिया बिक्री का व्यापार घाटे पर है इसके चलते परिवार के खानॆ के संकट है।
कोरोनावायरस की महामारी ने पूरे विश्व को आर्थिक मंदी में ढकेल दिया है पूरी दुनिया में लाखों करोड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं भारत में भी हालात बहुत गंभीर हैं छोटे कामगारों की कमर टूट गई है ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने गरीब पड़ोसियों की अपने गरीब दोस्तों की इस संकट में मदद करें, उन्हें आगे बढ़ने में उनका सहारा बने।