1992 के कानपुर दंगे और “यादववाद” के जरिए सपा को मुसलमानों के बीच करेंगे बेनकाब- शाहनवाज आलम

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अल्पसंख्यक मामलों के नेता शाहनवाज आलम में समाजवादी पार्टी पर मुसलमानों को धोखा देने का आरोप लगाया है सपा के खिलाफ आक्रामक होते हुए शाहनवाज आलम ने कहा है कि अखिलेश यादव के पास अब सजातीय वोटों का आधा हिस्सा भी नहीं बचा क्योंकि बड़ी संख्या में यादव समाज बीजेपी की ओर जुड़ रहा है।
लोकसभा चुनावों में यादव मतों का 29 प्रतिशत और विधान सभा चुनाव में 40 प्रतिशत ही बचा है सपा के पास

मुस्लिम समाज को जागरूक करने के लिए शाहनवाज आलम के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी हर रविवार स्पीकअप माइनोरिटी अभियान के तहत अल्पसंख्यक कांग्रेस फेसबुक लाइव से मसलमानों में खोलेगी सपा की पोल।

मीडिया में बयान देते हुए शाहनवाज आलम ने बताया कि अल्पसंख्यक कांग्रेस ने आज हर ज़िले और शहर इकाइयों द्वारा स्पीक अप माईनोरिटी अभियान के तहत फेसबुक लाइव के ज़रिये मुसलमानों की आबादी 20 प्रतिशत होने के बावजूद सपा पर मुसलमानो को धोखा देने और 5 प्रतिशत वाली एक जाति विशेष का विकास करने का आरोप लगाया।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने बताया कि हर रविवार को फेसबुक लाइव के ज़रिये अल्पसंख्यक कांग्रेस सपा द्वारा मुसलमानों से वोट ले कर उनको ठगने के प्रति लोगों को जागरूक करेगी. आज प्रदेश के क़रीब दो हज़ार कार्यकर्ताओं ने लोगों को आंकड़ों के साथ बताया कि यह सबसे बड़ी अफवाह है कि यादव सपा का बेस वोट है. सपा की पूरी दुकान इसी अफवाह पर चल रही थी लेकिन अब मुसलमान सच्चाई समझ चुका है कि यह वोट बैंक 2014 के बाद से ही सपा से खिसक चुका है. इसलिए अब इसके झांसे में नहीं आना है.

शाहनवाज़ आलम ने बताया कि फेसबुक लाइव के ज़रिये आज मुसलमानों को बताया गया कि 2009 में यादव मतों का 73 प्रतिशत वोट सपा को मिला जो 2014 में घट कर 53 प्रतिशत हो गया. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा को बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ़ 29 प्रतिशत यादव वोट ही मिला. उसे जीत भी सिर्फ़ मुस्लिम बहुल सीटों पर मिली और बदायूं, फिरोजाबाद, कन्नौज, इटावा जैसी यादव बहुल सीटें बुरी तरह हार गयी क्योंकि मुलायम सिंह यादव जी के सजातीय वोटरों ने भाजपा को वोट दिया.

इसी तरह यह भी बताया गया कि 2007 के विधान सभा चुनाव में यादव मतों का 72 प्रतिशत और 2012 में 66 प्रतिशत सपा को मिला. लेकिन 2017 के विधान सभा चुनाव में सिर्फ़ 40 प्रतिशत यादव वोट ही सपा ले पायी. जिसका साफ मतलब है कि 5 प्रतिशत यादव वोट का अब आधा से भी कम यानी कुल सवा दो प्रतिशत यादव वोट ही सपा के पास है.

शाहनवाज़ आलम ने बताया कि आने वाले सप्ताहों में 1992 के कानपुर दंगों जिसमें 258 लोग मारे गए थे, के दोषी पुलिस अधिकारियों को मुलायम सिंह यादव द्वारा बरी करने, मुख्य आरोपी को डीजीपी बनाने और इस घटना की जांच के लिए बनी माथुर कमिशन की रिपोर्ट को दबाने जैसे तमाम मसलों पर फेसबुक लाइव के ज़रिये लोगों को सपा की सच्चाई बताई जाएगी।

कुल मिलाकर कांग्रेस की रणनीति से यह साफ है कि कांग्रेस अपनी मजबूती के लिए सबसे पहले उन दलों से लड़ना चाहती है जिन दलों ने उसका पारंपरिक वोट बैंक सीन दिया है उत्तर प्रदेश में मुसलमान कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक का जो कि अब अधिकांश सपा से जुड़ चुका है।

ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *