69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा निरस्त होने के आसार, टॉपर समेत 11 गिरफ्तार, यूपी एसटीएफ को सौंपी जांच!

रिपोर्ट – दीपेश

शिक्षक भर्ती घोटाले में टॉपर 150 में से 146 अंक पाने वाले धर्मेंद्र और विनोद को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया अब तक कुल 11 लोग इस मामले में गिरफ्तार किये जा चुके है सरकार ने पूरे मामले को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है अब इस मामले की विस्तृत जांच होगी और इसमें शामिल सभी लोगों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।

69000 शिक्षक भर्ती मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को फटकार लगाई है इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री को  तलब करके पूरी मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पत्रकारों को बताया कि सरकार इस मामले को लेकर बहुत गंभीर है और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी कोई कितना भी प्रभावशाली हो सरकार किसी के साथ भी नरमी नहीं होगी  इसीलिए इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है । यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए सभी कार्यों से माननीय न्यायालय को अवगत कराया जाएगा और न्यायालय के निर्देशों के क्रम में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिछले दिनों प्रयागराज से यह बात सामने आ आ गई थी कि शिक्षक भर्ती में जबरदस्त धांधली हुई है और कई अभ्यर्थियों ने 7 से 1000000 रुपए जमा करके मनचाहे अंक हासिल किए और ऐसे कई अभ्यर्थियों ने नौकरी भी हासिल की। प्रयागराज पुलिस इस मामले में कई दिनों से जांच कर रही थी और अब इस मामले में भर्ती से जुड़े रैकेट के 11 सदस्य  पुलिस हिरासत में आ चुके हैं और लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

शासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले में भ्रष्टाचार की बातें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं और सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि पूरी नियुक्ति को निरस्त कर के नए सिरे से प्रक्रिया शुरू कराई जाए।

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