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9 अगस्त को माना जाए स्वतंत्रता की निर्णायक तिथि- राजनाथ शर्मा

बाराबंकी। नौ अगस्त 1942 की घटना से पूरे देश ने एक स्वर में पूर्ण स्वराज्य का आह्नान किया था। सही मायने में इसी तिथि को भारत की स्वतंत्रता की निर्णायक तिथि मानकर उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए। 9 अगस्त का यह दिन जन दिवस है। जब पूरा देश एकजुट होकर महात्मा गांधी के साथ चल पड़ा था। लेकिन 1942 की क्रांति के साथ ही एक अंदरूनी विघटन का वातावरण बनना शुरु हुआ जिसके कारण न सिर्फ औपचारिक स्वतंत्रता में देर लगी बल्कि देश दो टुकड़ों में बँट गया। इस विभाजन की चोट के कारण शायद हम उस आजादी के बिगुल की आवाज को भूल से गए जो 1942 में बजा था।

यह बात गांधी भवन में वरिष्ठ गांधीवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने पत्रकारों से कही। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि डॉ. रामनोहर लोहिया ने अगस्त क्रान्ति की 25वीं वर्षगांठ पर वयोवृद्ध समाजवादी जी.जी पारिख को लिखे पत्र में कहा था ‘15 अगस्त राज का दिवस है। 9 अगस्त जन दिवस है। कोई एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब 9 अगस्त के सामने 15 अगस्त फीका पड़ेगा और हिन्दुस्तानी अमेरिका और फ्रांस के 4 व 14 जुलाई, जो जन दिवस है, की तरह 9 अगस्त को मनाएंगे।’

श्री शर्मा ने कहा कि 9 अगस्त को स्वाधीनता दिवस मनाया जाए यह मुहिम पिछले डेढ़ दशक से चला रहे है। उनके साथ इस अन्दोलन में दिल्ली के वरिष्ठ समाजवादी साथी प्रो. राजकुमार जैन, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एस.एस नेहरा, एल.सी शर्मा भी जुड़े है। जो हर साल अगस्त क्रान्ति दिवस पर महात्मा गांधी की समाधि से आचार्य नरेन्द्र देव स्मारक तक पदयात्रा निकाल कर जनजागरण करते है।

श्री शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि 1947 में आज़ादी की नींव का पत्थर नौ अगस्त 1942 को रखा गया। यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का है, जो आधुनिक भारत के शिल्पकार बनें। जिस अहिंसक आन्दोलन की शुरूआत महात्मा गांधी ने की उसे बाद में उन्होंने ‘करो या मरो’ में परिवर्तित कर दिया। जिसके बाद महात्मा गांधी के साथ पूरा देश खड़ा हो गया। 15 अगस्त महज़ राज का दिवस है। जिस तिथि कोे भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड माउंटबेटेन से कांग्रेस नेतृत्व ने हाथ मिलाकर स्वाधीनता स्वीकार की।

श्री शर्मा ने यह भी बताया कि पूर्व की भांति इस साल भी 13 अगस्त यानि पाकिस्तान दिवस की पूर्व संध्या पर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश का महासंघ बनाओं सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। वहीं इस साल आजादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत हो रही है। ऐसे में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट 9 अगस्त से 15 अगस्त तक हीरक जयन्ती सप्ताह मना रही है। जिसकी शुरूआत 9 अगस्त को होगी। 9 अगस्त की सुबह 6 बजे प्रभात फेरी, 9ः30 बजे झण्डारोहण, व्याख्यानमाला एवं सायंकाल रेठ नदी में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

रिपोर्ट- शोभित मिश्रा

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