अखिलेश यादव समझ ही नहीं पा रहे हैं और स्वामी प्रसाद मौर्या लगातार समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं ..

स्वामी प्रसाद मौर्य के जेल जाने की नौबत आ गई है यूपी की पुलिस योगी आदित्यनाथ के इशारे का इंतजार कर रही है,

वहीं दूसरी तरफ स्वामी प्रसाद को लेकर समाजवादी पार्टी में बगावत का माहौल बन गया है कई विधायकों और बड़े नेताओं ने स्वामी प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अखिलेश यादव से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है..

दलबदल और निजी मुनाफे की सियासत के माहिर स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी के लिए मुसीबत बन गए हैं। एक तरफ राहुल गांधी जैसे नेता और खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव मंदिरों में जा जाकर भगवान की प्रार्थना करते हैं वहीं दूसरी तरफ हिंदू विरोधियों को खुश करने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करते हैं रामचरितमानस के खिलाफ स्वामी प्रसाद का बयान उन्हें बहुत महंगा पड़ रहा है।।

स्वामी प्रसाद उत्तर प्रदेश की सियासत का वह नाम है जो ज्यादा समय तक किसी दल और नेता का सगा नहीं रहा।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर भरोसा जताया उन्हें ताकतवर कैबिनेट मंत्री बनाया अपनी हर सरकार में उन्हें सम्मान दिया, पूरे परिवार को वीआईपी का दर्जा दिया इसके बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुरे समय में मायावती का साथ छोड़ दिया और उस भाजपा में शामिल हो गए जिसे पहले जी भर कर गालियां देते थे 5 साल स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा में भी खूब मजे लिए कैबिनेट मंत्री बने स्वामी प्रसाद की गुजारिश मानकर बेटी संघमित्रा को भाजपा ने लोकसभा का सांसद भी बनाया इसके बावजूद भाजपा से भरपूर लाभ लेने के बाद स्वामी प्रसाद ने पिछले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा को धोखा दे दिया और सपा में चले गए ।

भाजपा सांसद होते हुए भी उनकी बेटी समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रही थी इसके बावजूद बीजेपी ने कोई एक्शन नहीं लिया।

स्वामी प्रसाद को जब एहसास हुआ की कि समाजवादी पार्टी मैं उन्हें ज्यादा मुनाफा हो सकता है तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को बीच सफर में धोखा दे दिया और अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गए थे लेकिन उनकी किस्मत और ऊपर वाले की इच्छा ने उनका साथ नहीं दिया वह खुद भी बुरी तरह चुनाव हार गए और समाजवादी पार्टी को भी लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर रहना पड़ा ।

दूसरी बार जब योगी प्रचंड बहुमत से सीएम बन गए तो लंबे समय तक स्वामी प्रसाद मौर्या खामोश हो गए लेकिन पिछले दिनों उन्होंने भारतीय समाज के सबसे पवित्र ग्रंथों में शामिल रामचरितमानस के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करके अपने ही नहीं अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के लिए भी मुसीबत मोल ले ली है समाजवादी पार्टी पर पहले ही हिंदू विरोधी होने और मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगता रहा है अब सपा नेता के रूप में स्वामी प्रसाद ने जो कह दिया है उसके बाद संपूर्ण हिंदू समाज समाजवादी पार्टी से जवाब मांग रहा है।

लोग अखिलेश यादव से पूछ रहे हैं कि आखिर हिंदू धर्म को ही टारगेट क्यों बनाया जा रहा है समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेताओं और विधायकों ने भी इस मुद्दे पर कठोर रवैया अपनाया है खुद अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को समाजवादी पार्टी सही नहीं मानती । पूर्व मंत्री अयोध्या के सपा नेता पवन पांडे और रायबरेली के सपा विधायक डॉ मनोज पांडे ने भी स्वामी के बयान पर नाराजगी जताई है। लेकिन अखिलेश यादव अभी तक इस मुद्दे पर खामोश है। बहुत से लोग यह भी कह रहे हैं कि डिवाइड एंड रूल की नीति के तहत हिंदू समाज को जातियों में बांटकर सपा के कुछ नेता आने वाले चुनाव में अपना फायदा देख रहे हैं ।

किसी अन्य धर्म के खिलाफ जब भी कोई मामला सामने आता है तो संविधान और सेकुलर वाद की दुआएं लेकर सपा के नेता बड़ा स्टैंड लेते हैं लेकिन हिंदू धर्म के खिलाफ जब कोई गलत टिप्पणी होती है तो ज्यादातर नेताओं को सांप सूंघ जाता है ।

स्वामी प्रसाद के खिलाफ कानूनी मुश्किलें भी खड़ी हो गई है इस बयान को लेकर कई जनपदों में लोगों ने उनके खिलाफ पुलिस थानों में शिकायत दी है लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार से स्वामी प्रसाद के खिलाफ धार्मिक विद्वेष फैलाने और एक पवित्र धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने को लेकर बड़ा एक्शन लेने की मांग की है। यूपी पुलिस योगी के आदेश का इंतजार कर रही है, बड़बोलापन स्वामी के लिए महंगा पड़ेगा
अखिलेश यादव से भी लोग जवाब मांग रहे हैं इस मुद्दे पर अखिलेश ने अगर सही स्टैंड लिया तो यह साबित होगा कि वह सच्चे समाजवादी हैं और सभी धर्मों को सम्मान देते हैं । अखिलेश यादव को इस बार ज्यादा होशियार रहना होगा क्योंकि भारत की जनता अब पहले जैसी नहीं रही जनता समझदार हो चुकी है और सही समय पर सही फैसले लेना सीख गई है

ब्यूरो रिपोर्ट द इंडियन ओपिनियन

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