जोशीमठ में बैडमिंटन कोर्ट की दीवारें गिरी

उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath Sinking Town) के “धंसते शहर” में 700 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं. यहां से निवासियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. प्रतिबंधित ड्रिलिंग गतिविधि रात के अंधेरे में भी चल रही है. इस बीच NDTV की जोशीमठ के टीम जेपी पावर प्लांट (Jaypee’s power plant) के आवासीय परिसर के अंदर पहुंची है. टीम ने वहां से कई एक्सक्लूसिव तस्वीरें और वीडियो लिए हैं, जिसमें दीवारों में पड़ी मोटी दरारों और जमीन के धंसने को देखा जा सकता है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव एम सुंदरम ने बुधवार को इसकी जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि अभी कोई घर नहीं तोड़ा जाएगा, केवल 2 होटल तोड़े जाएंगे. घरों पर लाल निशान उन्हें खाली करने के लिए लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि होटल मालिकों से भी बातचीत हो गई है, वे प्रशासनिक कार्रवाई में सहयोग के लिए राजी हैं.

हर साल धंस रहा 2.5 इंच की दर से धंस रही है जमीन
इससे पहले जोशीमठ को लेकर चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के दो साल की एक स्टडी में बताया कि जोशीमठ और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल 2.5 इंच की दर से जमीन धंस रही थी. देहरादून स्थित संस्थान द्वारा सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करते हुए यह स्टडी की थी. जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक जुटाई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पूरा क्षेत्र धीरे-धीरे धंस रहा है. धंसने वाला क्षेत्र पूरी घाटी में फैला हुआ है और जोशीमठ तक ही सीमित नहीं हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *