सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को घाटे से बाहर निकालने के लिए सरकार ने 1.64 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी करने का फैसला लिया है।
आज पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह वादा किया था।
केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल और बीबीएनएल के विलय को भी मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि इससे दोनों कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। ऐसे सभी गांवों में 4जी कवरेज दी जाएगी, जहां अभी मोबाइल कनेक्टिविटी का अभाव है।
उन्होंने कहा कि सरकार देश के हर हिस्से तक मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में पत्रकारों को बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी।
बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा। बॉर्डर एरिया के लिए भी आदेश दिया गया है, जिसमें पूर्वी लद्दाख भी शामिल होगा जहां 4जी लाया जा सकता है।
एक समय बीएसएनएल का टेलीकॅाम सेक्टर पर राज था। लेकिन जैसे-जैसे प्राइवेट कंपनियों ने इस सेक्टर में एंट्री मारी उसके बाद ही BSNL अपना ग्राहक खोने लगा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’