कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर हुई समन्वय बैठक।


प्रयागराज : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के अंतर्गत आज 20 जुलाई को जिले में पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी। कृमि मुक्ति अभियान की तैयारियों को लेकर मंगलवार को विकास भवन के सभागार में मुख्य विकास अधिकारी सिपू गिरी की अध्यक्षता व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ नानक सरन के नेतृत्व में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक का आयोजन हुआ। मुख्य विकास अधिकारी ने अभियान के सफल संचालन के लिए संबन्धित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अशफाक़ अहमद डीसीपीएम ने अभियान से जुड़ी कार्य योजना पर पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत किया।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि “जनपद में 20 जुलाई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जनपद में एक से 19 वर्ष की कुल लक्षित आबादी 2765627 है। इन सभी बच्चों व किशोर-किशोरियों को कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कृमि (पेट के कीड़े) की दवा एल्बेंडाजोल निःशुल्क खिलायी जाएगी। सभी स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों में व्यापक अभियान चलाकर आशा और आंगनबाड़ी के द्वारा जनजागरूकता कर उन्हें यह बताएं की बच्चों और किशोर- किशोरियों में कृमि के संक्रमण से मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है। कृमि की दवा के सेवन से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी व उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा। वहीं 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप राउंड चलाया जाए, मॉपअप राउंड में छूटे हुए लोगों को दवा खिलाएँ। अभियान के अंतर्गत कोई भी दवा से वंचित न रहने पाए।“

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दवा का कोई भी साइड-इफेक्ट नहीं है। दवा खिलाते समय सावधानी बरतें कि दवा खाने वाला बच्चा खाली पेट न हो। बच्चे ने दवा लेने से पूर्व कुछ न कुछ भोजन अवश्य किया हो। पेट में अधिक कीड़े या कृमि होने के कारण कुछ मामलों में यह देखा गया है कि दवा के सेवन के बाद प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट या उल्टी हो सकती है। ऐसी स्थिति से बिलकुल न घबराएँ, बच्चे को थोड़े समय के लिए खुली हवा में लेटा दें और पानी पिला दें। कुछ समय में दवा खाने वाला बच्चा सामान्य अवस्था में आ जाता है। यह लक्षण बताते हैं की पेट में कीड़े की मौजूदगी अधिक है।

ऐसे खाएं, यहाँ मिलेगी दवा
एक से दो वर्ष के बच्चों को 400 एमजी अल्बेंडाजोल टैबलेट को आधा कर उसका चूरा पानी के साथ खिलाना है। दो से 19 वर्ष के लोगों को पूरा टैबलेट चबाकर खिलाना है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है। एक से पांच वर्ष तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि छह से 19 वर्ष तक के सभी छात्र-छात्राओं को उनके नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में दवा खिलाई जाएगी वहीं प्राइवेट स्कूल, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। इस सम्बद्ध में सभी आशा-आंगनबाड़ी व शिक्षकों को पूर्व में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

बैठक में नोडल आधिकारी डॉ अमित कुमार श्रीवास्तव, समस्त अपर/उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी , जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) व शिक्षा विभाग से बेसिक शिक्षा अधिकारी (प्रतिनिधि), जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रतिनिधि), जिला प्रमुख अधीक्षिका (डफरिन), जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक सहित सहयोगी संस्था एविडेंसएक्शन के जिला समन्वयक आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – सुनील सोमवंशी, प्रयागराज

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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