धर्मराज का धर्मसंकट: मुसलमानों के वोट से बने तीन बार विधायक, क्या मुस्लिम को दिलवाएंगे नगरपालिका का टिकट?

समाजवादी पार्टी के प्रभावशाली नेता के तौर पर स्थापित हो चुके सुरेश यादव लगातार तीन बार नवाबगंज विधानसभा से विधानसभा चुनाव जीते हैं तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका मुस्लिम मतदाताओं की है जिन्होंने हर बार एकजुट होकर उन्हें विजय श्री का आनंद दिया ।

जहां यादव समाज के कुछ वोटर भाजपा की ओर बढ़ गए इसके बावजूद मुस्लिम समाज एकजुट होकर सपा को जिताने में जुटा रहा । लगातार तीन जीत के बाद सुरेश का कद पूरे प्रदेश में बड़ा हुआ और अब उन पर मुस्लिम समाज को रिटर्न गिफ्ट देने का दबाव है।

निकाय चुनाव के लिए जहां सभी अपनी अपनी गोटियां सेट करने में जुटे हैं, वहीं इस बार मुस्लिम समाज के कई दावेदार भी समाजवादी पार्टी के जरिए चेयरमैन की कुर्सी का जलवा हासिल करना चाहते हैं। मुस्लिम नेता ताज बाबा राईन का मानना है कि समाजवादी पार्टी के लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं तो इसके लिए उन्हें भी समाजवादी पार्टी से ही अपेक्षाएं हैं कि समाजवादी पार्टी उनका भी ख्याल करेगी ।

समाजवादी पार्टी से जुड़े चेयरमैन पद के प्रमुख दावेदार बताते हैं कि , “आज तक समाजवादी पार्टी ने किसी मुसलमान को नवाबगंज नगर पालिका से चेयरमैन का टिकट नहीं दिया जबकि इस विधानसभा पर समाजवादी पार्टी जब भी जीती है मुसलमानों के वोटों के दम पर ही जीती है। लगातार भाजपा की प्रचंड लहर में भी हमारे समाज ने सुरेश यादव को जिताया है इसलिए इस बार हमें उम्मीद है कि धर्मराज उर्फ सुरेश यादव अपना धर्म निभाएंगे और उन्होंने भरोसा भी दिया है कि मुसलमान कैंडिडेट को नवाबगंज नगरपालिका का टिकट दिलाएंगे।”

हालांकि सदर विधायक सुरेश यादव बताते हैं कि पार्टी संगठन इस विषय पर गंभीर चिंतन के बाद सामूहिक निर्णय लेगा उनकी पार्टी में सभी वर्गों का पूरा सम्मान है और मुसलमानों का भी पूरा ख्याल किया जाता है पार्टी के जिलाध्यक्ष वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर इस विषय पर चिंतन किया जाएगा जो भी प्रत्याशी जीतने योग्य होगा उसे टिकट देने पर विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि एमएलए सुरेश यादव के छोटे भाई धर्मेंद्र भी चुनावी मैदान में हैं और टिकट के दावेदार हैं।
धर्मराज उर्फ सुरेश यादव के सामने वाकई में एक बड़ा ‘धर्मसंकट” है अपने छोटे भाई को संतुष्ट करें, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करें या फिर मुस्लिम समाज की ओर से आ रहे दबाव का उचित हल निकाले।

‘द इंडियन ओपिनियन’ बाराबंकी

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