मंगलवार को शोपियां में दो कश्मीरी पंडितों पर अटैक होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान घाटी में जगह-जगह तिरंगा फहराए जाने से भड़के आतंकी कश्मीरी पंडितों को निशाना बना सकते हैं। गृह मंत्रालय ने इसको लेकर चेतावनी जारी कर दी है।
शोपियां में मंगलवार को जिन दो भाइयों पर हमला हुआ। उनमें से एक घायल हो गया, जबकि सुनील कुमार की मौत हो गई। हमला करने वाले आतंकवादी की पहचान शोपियां के कुटपोरा गांव में रहने वाले आदिल अहमद वानी के रूप में हुई है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कश्मीरी पंडितों पर हमला करने के पीछे अल बद्र नाम का आतंकी संगठन है। संगठन के आदिल वानी की पहचान भी कर ली गई है, जो कटोपोरा जिले का रहने वाला है। वहीं हमले के बाद अल बद्र ने बयान जारी कर कहा है- तिरंगा रैली के लिए दोनों भाइयों ने लोगों को प्रोत्साहित किया था,
जिस वजह से उस पर हमला किया गया। इसी साल जून में लगातार टारगेट किलिंग के बाद कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ने लगे थे, जिसके बाद सरकार ने सरकारी नौकरी कर रहे पंडितों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव किया था।
KPSS ने अपने बयान में कहा- कश्मीर घाटी में कोई भी कश्मीरी पंडित सुरक्षित नहीं है। कश्मीरी पंडितों के लिए, केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह कश्मीर छोड़ दें या धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा मारे जाएं, जिन्हें स्थानीय आबादी का समर्थन प्राप्त है। शोपियां में कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद श्रीनगर स्थित कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) के अध्यक्ष संजय कुमार टिक्कू ने मंगलवार को सभी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए कहा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’