बाराबंकी के जैदपुर कस्बे के लोकप्रिय समाजसेवी और नगर पंचायत के चेयरमैन रहे स्वर्गीय मोहम्मद अलीम की चर्चा आज भी जनपद में एक लोकप्रिय और जिम्मेदार राजनेता के साथ-साथ संवेदनशील समाजसेवी के रूप में होती है।
एक ऐसी शख्सियत जो ना सिर्फ अपनी जुबान के धनी थे बल्कि हर किसी के सुख दुख के साथी थे दोस्ती और तालुकात कैसे निभाए जाते हैं इस बात के लिए स्वर्गीय चेयरमैन अलीम का नाम आज भी लिया जाता है. उनकी इसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनके दोनों बेटों ने इस बार नगर पंचायत के चुनाव में युवा टीम का नेतृत्व किया।
दाऊद अलीम और खालिद दोनों भाई उच्च शिक्षित हैं इन्हें आज की दुनिया का तजुर्बा भी है और इनकी रगों में एक ईमानदार और खुद्दार परिवार का खून दौड़ रहा है जिसने हमेशा देश और समाज की सेवा को अपना सबसे बड़ा फर्ज समझा है।
दोनों भाइयों ने चुनाव में मेहनत की और नतीजा यह हुआ की इनकी मां श्रीमती नीलोफर ने जैदपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष के रूप में जीत हासिल की। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में संविधान की शपथ लेते हुए स्वर्गीय मोहम्मद अलीम की शरीके हयात श्रीमती नीलोफर ने जैदपुर नगर पंचायत को उत्तर प्रदेश की विकसित नगर पंचायत बनाने का संकल्प लिया है।
उनके राजनीतिक अभियान का नेतृत्व करते हुए बड़े बेटे दाऊद अलीम कहते हैं “हम राजनीति में कुछ हासिल करने के लिए नहीं आए हैं अगर कुछ हासिल करना चाहते हैं तो लोगों की दुआएं लोगों की शुभकामना और आशीर्वाद हासिल करना चाहते हैं।
हम लोगों की सेवा करना चाहते हैं और इस नगर को उत्तर प्रदेश का विकसित और खुशहाल नगर बनाना चाहते हैं। पिता का स्थापित किया हुआ व्यापार हमारी जरूरतों के लिए हमें बहुत कुछ दे देता है लेकिन हमारे पिता का सपना था कि हमारा कस्बा तरक्की करे खुशहाल हो और उनके इस सपने को पूरा करने के लिए हम पूरी ईमानदारी से काम करेंगे”।
द इंडियन ओपिनियन