नेकदिल शख्सियत: हिंदू मुस्लिम एकता की सरजमी को तरक्की की राह पर ले जाएंगे हारुन वारसी!

उत्तर भारत में इंसानियत और इमानदारी की खुशबू फैलाने वाले कई धर्म स्थल है और इन धर्म स्थलों में बाराबंकी में देवा शरीफ की दरगाह का एक खास मुकाम है जहां मानवता को ही सबसे बड़ा धर्म मारने की शिक्षा दी जाती है।

हिंदू मुस्लिम एकता की धरती पर हाजी वारिस अली शाह ने लोगों को अपने अपने धर्म के प्रति ईमानदार रहने की शिक्षा दी थी और इंसानियत की इज्जत करने को इबादत करने के बराबर का हुक्म दिया था।

ऐसे सूफी संत को अपना आदर्श मानकर लंबे समय से समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय देवा नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हारून वारसी ने एक बार फिर देवा नगर पंचायत के चेयरमैन के रूप में भारत के संविधान की शपथ लेते हुए अपने नगर के विकास और देश की तरक्की के लिए काम करने की कसम खाई है।

हारून वारसी सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हुए एक ऐसे इंसान के रूप में जाने जाते हैं जो हर किसी से मुस्कुरा कर बात करता है बड़ों को झुक कर के इज्जत देता है दोस्तों से दोस्ती निभाता है अपने से छोटों के लिए जिसके दिल में अपार प्रेम है और देश को तरक्की और मजबूती के रास्ते पर ले जाने का दर्द है।

हारून वारसी पहले भी देवा शरीफ कस्बे के चेयरमैन रह चुके हैं। कस्बे के लोगों से दिल से जुड़े हैं एक बार फिर लोगों ने उन्हें देवा क्षेत्र को सजाने और संवारने का मौका दिया है इस नगर में सामाजिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास की चुनौती भी उसके सामने है।

लोगों को आशा है उम्मीद है कि वह बिना भेदभाव सभी के लिए दिल खोल कर काम करेंगे।

द इंडियन ओपिनियन

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