द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी
भारतीय नव वर्ष के मौके पर जिले के तमाम हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर प्राचीन धरोहर सरोवर पर अद्भुत आयोजन किया..जिले में काशी के घाट जैसा नजारा दिखाई दिया. काशी से आए पुरोहितों ने जब आरती शुरू की तो लोगों को काशी की गंगा आरती का एहसास हुआ. दरअसल, हिंदू नव वर्ष पर यहां चार दिवसीय नव संवत्सर महोत्सव की शुरुआत की गई. इस दौरान महोत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखा.
शहर के धनोखर सरोवर को दुल्हन की तरह सजाया गया 51 हजार मिट्टी के दीये जलाए गए तो इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी, सरोवर 51 हजार दीपों से जगमगा उठा. इस नजारे को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी थी।
इस दौरान भजन संध्या के जरिए भारतीय नव वर्ष की महत्ता बताई गई. बनारस से खास कर पुरोहित बुलाए गए थे, जिन्होंने आरती कर काशी की आरती की याद दिला दी. चार दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में शनिवार को जीआईसी ऑडिटोरियम से एक मोटरसाइकिल यात्रा भी निकाली गई ।.
रविवार को धनोखर चौराहे से नागेश्वरनाथ मंदिर तक पदयात्रा निकाली जाएगी. इसके बाद शाम को दीपदान होगा. सोमवार को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए हिन्दू नववर्ष उत्सव, प्रदर्शनी और रात को एक विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में भाजपा आर.एस.एस सहित कई संगठनों के सैकड़ों पदाधिकारियों और हजारों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
जन संघ सेवक मंच पूर्व प्रदेश महामंत्री समाजसेवी आशुतोष शुक्ला ने भी अपने साथियों के साथ पहुंच कर दीप प्रज्वलित किया।