Sachin Pilot का सफर पत्रकार से कैसे CM की कुर्सी के दावेदार तक-

वो लड़का जो एक मीडिया संस्थान में इंटर्न था। इसके बाद एक अमरीकी कंपनी जनरल मोटर्स में नौकरी की, फिर 26 साल की उम्र में अजमेर का सबसे युवा सांसद बना। 32 में महनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री, 36 में राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष और 40 साल में प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बना। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस नेता सचिन पायलट की।

जिन्होंने कम उम्र में ऊंची उड़ान भरी। एक बार फिर वह राजस्थान मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। एक बार फिर इसलिए क्योंकि इससे पहले 2018 में भी वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन बाजी अशोक गहलोत मार गए। अब गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, ऐसे प्रदेश के नए सीएम को लेकर सचिन पायलट और सीपी जोशी के नाम की चर्चा चल रही है। अब जानते हैं सचिन पायलट के सियासी सफर के बारे में…।

राहुल ने पायलट से क्या वादा किया था? 


2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। 2013 के विस चुनाव में मिली करारी के हार के बाद पायलट ने पार्टी को आगे लाने में कड़ी मेहनत की। सियासी हलकों में भी कहा जाता है कि पायलट की दम पर ही कांग्रेस 2018 में राजस्थान में सरकार बना पाई। चुनाव से पहले राहुल गांधी ने सचिन पायलट से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन कुर्सी गहलोत के हाथ लगी। यानी अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया गया।

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