यदि आपने 5 लाख या अधिक मूल्य का चेक जारी किया है अथवा भुगतान हेतु प्राप्त किया है तो आपके लिए यह नया नियम जानना आवश्यक है

1 अगस्त से देश के सभी बड़े बैंक अपने यहां पॉजिटिव पे सिस्टम यानी PPS लागू कर चुके हैं । इन बैंकों ने अपने ग्राहकों से PPS के तहत रेजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है।बैंकों ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी है।रिजर्व बैंक ने पांच लाख या इससे अधिक मूल्य के चेकों के भुगतान के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। इन नियमों का पालन ना करने पर बैंक चेक का भुगतान करने से मना कर सकते हैं।

तो आखिर क्या है ये पॉजिटिव पे सिस्टम और यह कैसे काम करता है? चलिए समझते हैं-

भारतीय रिज़र्व बैंक ने चेकों द्वारा भुगतान में धोखाधड़ी को रोकने के लिए साल 2020 में ‘positive pay system’ शुरू करने का फैसला किया था । आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार पॉजिटिव पे सिस्टम के अंतर्गत बड़ी धनराशि के चेकों के मुख्य विवरणों को पुनः सत्यापित किया जाता है । इस प्रक्रिया के तहत चेक जारी करने वाला व्यक्ति एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम आदि के माध्यम से अथवा स्वयं शाखा जाकर अदाकर्ता बैंक को चेक के कुछ विवरण देता है,जैसे कि , चेक की तारीख, बेनिफिशियरी का नाम,खाता संख्या,ट्रांसेक्शन कोड ,चेक का मूल्य इत्यादि । इन विवरणों का CTS यानी Cheque Truncation System के जरिए भुगतान हेतु प्रस्तुत चेक के साथ मिलान किया जाता है और मिलान होने पर चेक का भुगतान कर दिया जाता है।

क्या होता है पीपीएस में

बाद में, जब पेमेंट करने के लिए किसी दूसरे बैंक को चेक प्रस्तुत किया जाता है तो पहले विवरणों का मिलान किया जाता है और विवरण सत्यापित होने पर जमाकर्ता बैंक को भुगतान कर दिया जाता है वरना चेक बिना भुगतान के ही प्रस्तुतकर्ता बैंक को वापस कर दिया जाता है । यह प्रक्रिया NPCI यानी National Payments Corporation of India ने विकसित की है । देश के ज्यादातर बैंक इस पद्धति को लागू कर चुके हैं। आरबीआई ने 50 हजार रुपये से अधिक की पेमेंट पर यह सिस्टम लागू किया था, लेकिन बैंकों को आजादी दी थी कि वे 5 लाख या ऊपर के मूल्य के चेकों द्वारा भुगतान पर इस पद्धति को लागू कर सकते हैं । चेक मूल्य के लिए अलग अलग बैंकों की यह सीमा अलग-अलग हो सकती है।

पीपीएस का फायदा

इस नई पद्धति के शुरू होने से चेक से होने वाली धोखाधड़ी पर काफी हद तक रोक लगेगी । वेरिफिकेशन और ऑथेंटिकेशन अलग-अलग स्तर पर होने की वजह से चेक द्वारा ट्रांजैक्शन की सुरक्षा बढ़ जाएगी। रिजर्व बैंक इस सिस्टम के बारे में बहुत पहले बता चुका है, लेकिन इसे लागू करने के लिए बैंकों को मोहलत दी गई थी ।आखिरकार 1 अगस्त 2022 से पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू कर दिया गया है। इस सिस्टम की विस्तृत जानकारी अथवा किसी शंका की स्थिति में अपने बैंक की निकटतम शाखा से संपर्क कर सकते हैं।

जानकर बनें और अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रक्खें ।

विकास चन्द्र अग्रवाल – द इण्डियन ओपिनियन

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