“यह पूरा तंत्र जनता के लिए है” नवागत एसपी ने ऐसा संदेश दिया कि अपेक्षाएं बढ़ गई और चुनौतियां भी!

पढ़िए विशेष आलेख! दीपक मिश्रा “दीपेश”

इनपुट: प्रदीप पांडे

आज बाराबंकी के नए पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने अपना कार्यभार संभाला है. कार्यभार संभालने के बाद उनकी कार्यशैली धीरे-धीरे लोगों के बीच पहुंचने लगी है। भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के पद सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली माने जाते हैं कम से कम उन जनपदों में जहां अभी कमिश्नरेट प्रणाली नहीं लागू हुई है। इन पदों पर जब भी नए लोक सेवक सुशोभित होते हैं जनपद ही नहीं संबंधित अन्य क्षेत्रों के लोगों की भी दृष्टि नवागत अधिकारियों की ओर होती है।

राज्य पुलिस सेवा का व्यापक अनुभव और भारतीय पुलिस सेवा की योग्यता व सक्षमता से अलंकृत दिनेश कुमार सिंह प्रदेश शासन के निर्देशों के क्रम में सुबह ही जनपद में पहुंच गए थे और सरकारी समय शुरू होते ही अपने कार्यकाल के पहले दिन, थोड़ा भी समय गंवाए बगैर उन्होंने जनपद में अपनी ड्यूटी यानी लोकसेवक के रूप में अपने दायित्व का प्रारंभ कर दिया।

उन्होंने पहले दिन ही क्षेत्र भ्रमण भी किया जिलाधिकारी अविनाश कुमार के साथ फील्ड में निकले थानों पर भी पहुंचे, अपने विभागीय सहयोगियों से मुलाकात की जनता की शिकायतें सुनी और पहले ही दिन मीडिया से बातचीत करके अपनी कार्यशैली से भी अवगत करा दिया ।

उनके व्यक्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष उनके एसपी बाराबंकी के रूप में दिए गए प्रथम वक्तव्य से परिलक्षित हो रहा है, जो कि उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान दिया और उस वक्तव्य के प्रमुख अंश को उनके पीआरओ सेल के द्वारा प्रसारित किया गया है ।

इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात जो कम शब्दों के माध्यम से कही गई है वह यह है की “सभी अधिकारियों और थानाध्यक्षों व पुलिसकर्मियों को यह समझना होगा कि यह पूरा तंत्र यह पूरी व्यवस्था जिसके अंतर्गत हजारों सरकारी कर्मचारी अधिकारी काम कर रहे हैं, सबको सरकारी सुविधाएं भवन कार्यालय वाहन आदि मिले हुए हैं और जिस व्यवस्था के ऊपर सरकारी कोष से अरबों रुपए खर्च हो रहे हैं ।

यह व्यवस्था जनता के लिए है जनता को राहत देने के लिए है विधि व्यवस्था का पालन करने वाले लोगों की सुरक्षा और सम्मान के लिए है यह “संपूर्ण तंत्र” जनता के लिए है”।
पुलिस अधीक्षक के शब्दों से संभवतः यही भावार्थ प्रकट हुए।

अपनी भाषा में उन्होंने “तंत्र” शब्द का प्रयोग किया है और अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया है कि यह तंत्र जनता के लिए है और जनता से बेहतर व्यवहार हो, जनता को थानों से निराश होकर अधिकारियों के पास यदि आना पड़ता है जिला मुख्यालय तक दौड़ना पड़ता है अपना समय खर्च करना पड़ता है गरीबों का बहुमूल्य धन खर्च होता है तो फिर थानेदारों से भी सवाल जवाब होगा उनकी कार्यशैली उनके व्यवहार की समीक्षा की जाएगी और हर उस शिकायत पत्र पर उनकी जवाबदेही तय की जाएगी जिसका समाधान थाना स्तर पर नहीं किया गया या जिसकी उपेक्षा की गई है।

पुलिस अधीक्षक के वचन पर यदि कार्य प्रारंभ हुआ तो अवश्य ही अब सर्किल पर बैठे पुलिस क्षेत्राधिकारी, थानों के शक्तिशाली थानेदार, स्थानीय इकाई यानी पुलिस चौकी के दरोगा जी को भी यह जरूर बताना होगा कि शिकायतकर्ता को स्थानीय स्तर पर ही समुचित संतोष क्यों नहीं दिया गया ? उसके साथ थाना स्तर पर ही बेहतर व्यवहार क्यों नहीं किया गया ? “अविश्वास का कोई कारण नहीं है कि ऐसा नहीं होगा प्रबल आशा है कि ऐसा अवश्य होगा।”

यह पुलिस की कार्यशैली का बहुत ही महत्वपूर्ण पक्ष है जिसको आमतौर पर बहुत से अधिकारियों के द्वारा उपेक्षित कर दिया जाता है और जिसकी वजह से वरिष्ठ अधिकारी अपने समय और ऊर्जा का बड़ा हिस्सा सही विषयों में नहीं लगा पाते और कई बार अनावश्यक मुकदमे बाजी में भी वृद्धि होती है। पुलिस कार्रवाई के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को नवागत एसपी ने “रेखांकित” किया है और “स्थानीय स्तर” पर बेहतर कार्य और जवाबदेही को प्राथमिकता पर लिया है ।

हमारा अनुभव भी यही कहता है कि यह प्रयास जरूर पुलिस की कार्यवाही को तीव्र प्रभावी और सरल और यथोचित संक्षिप्त बनाने में सहायक होगा।

कुल मिलाकर जिन शब्दों का प्रयोग पुलिस अधीक्षक ने अपनी प्राथमिकता को बताने में किया है और जिन भावनाओं को शब्दों के माध्यम से प्रदर्शित किया है व्यक्त किया है यदि वाकई में इन्हें धरातल पर उतार दिया गया तो जनपद बाराबंकी की पुलिस व्यवस्था सही अर्थों में अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी और पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मी सौभाग्यशाली व लोकप्रिय लोक सेवक साबित होंगे।

पुलिस अधीक्षक के प्रथम दिवस की कार्यशैली से उनके वक्तव्य से उनके प्रति अपेक्षाओं में वृद्धि हुई है। बाराबंकी जनपद उत्तर प्रदेश की राजधानी का निकटवर्ती जनपद है इसकी प्रतिष्ठा भी धीरे-धीरे राजधानी की प्रतिष्ठा का अंग बनने की ओर अग्रसर है प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण और विस्तृत जनपद के “प्रधान प्रहरी” के रूप में कुछ ही समय पहले राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में प्रतिष्ठा के साथ प्रोन्नति हुए दिनेश कुमार सिंह को नियुक्त करते हुए उनकी क्षमताओं कर्तव्यनिष्ठा व राष्ट्रीय हितों के प्रति उनके समर्पण पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है और उन्हें इस हेतु एक बड़ा अवसर प्रदान किया है कि इस चर्चित जनपद में वह हजारों पुलिसकर्मियों का नेतृत्व करते हुए यहां की बड़ी जनसंख्या को उत्तर प्रदेश पुलिस के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का अनुभव करवाएं।

द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ /बाराबंकी

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