जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने आतंकी फंडिंग के मामले में गिरफ्तार बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह-उल-अर्जमंद खान सहित चार लोगों को सरकारी नौकरी से निकाल दिया है।
बिट्टा कराटे वो आतंकवादी है जिसने खुद कबूल किया था कि वह कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चारों सरकारी कर्मचारियों को को आतंकी संबंधों के कारण सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है। चारों को आर्टिकल 311 को लागू करके हटाया गया है। बर्खास्त किए कर्मचारियों में बिट्टा की पत्नी के अलावा साइंटिस्ट मुहीत अहमद भट, कश्मीर विश्वविद्यालय में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी और पाकिस्तान से संचालित हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन का बेटा सैयद अब्दुल मुईद भी शामिल है।
कराटे के एक करीबी ने खुलासा किया था कि नब्बे के दशक की शुरुआत में कई युवा आतंकवाद में सबसे आगे थे और उस समय कश्मीर में शादी के लिए पुरुषों की सबसे अधिक मांग थी। करीबी ने बताया कि उस समय लोग उनका गर्मजोशी से आतंकियों का स्वागत करते थे और उन्हें पूरा सम्मान देते थे। 1990 के दशक में घाटी में कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी बिट्टा कराटे ने 2011 में कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) की अधिकारी असबाह अर्जुमंद खान से शादी कर ली।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह-उल-अर्जमंद खान 2011 बैच के जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (JKAS) की अधिकारी थी। असबाह पर प्रतिबंधित JKLF के लिए कैश जुटाने का भी आरोप है। जम्मू-कश्मीर में अब तक 40 कर्मचारियों को सरकारी सेवाओं से बर्खास्त किया जा चुका है। इनमें सलाहुद्दीन के दो बेटे और DSP देवेंद्र सिंह भी शामिल हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’