जानिए कौन है IG प्रवीण कुमार,जिन्हें सीएम योगी ने सौंपी है अयोध्या मंडल की जिम्मेदारी!

द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ

समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान जब शामली और मुजफ्फरनगर जनपद में सांप्रदायिक तनाव फैलने के बाद पूरा मुजफ्फरनगर जिला हिंदू-मुस्लिम दंगों में झुलस उठा था बड़ी संख्या में लोगों की हत्या हुई, आगजनी तोड़फोड़ हुई, पुलिस प्रशासन के ऊपर से लोगों का भरोसा उठ गया था सेना बुलानी पड़ी थी तब उत्तर प्रदेश सरकार ने खासतौर पर 2001 बैच के आईपीएस प्रवीण कुमार को वहां एसएसपी के पद पर तैनात करके स्थितियों को संभालने के लिए भेजा था।


प्रवीण कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस के चुनिंदा आईपीएस अफसरों में है जिन की विश्वसनीयता जन सामान्य के दिलों में है और जिनकी योग्यता ईमानदारी और संवेदनशीलता की तारीफ लगभग सभी दलों के बड़े नेता करते हैं । उत्तर प्रदेश में सरकार सपा बसपा या फिर भाजपा की हो प्रवीण कुमार लगभग सभी सरकारों में महत्वपूर्ण पदों में पर तैनात रहे क्योंकि जिम्मेदारी की कुर्सियों पर काम करने के दौरान कोई भी फैसला लेते वक्त वह सिर्फ सच्चाई नियम कानून और राष्ट्रहित की विचारधारा देखते हैं जाति धर्म और पार्टी लाइन से प्रभावित हुए बगैर वही करने का प्रयास करते हैं जो विधि सम्मत हो। बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान एसएसपी मुजफ्फरनगर का लगभग पौने 3 साल का सफलतम कार्यकाल हासिल करने के बावजूद अखिलेश यादव ने बतौर मुख्यमंत्री प्रवीण कुमार को मुजफ्फरनगर दोबारा भेजा क्योंकि उस समय सुलगते हुए मुजफ्फरनगर में हालात इतने खराब थे कि बड़ी संख्या में इंसानी लाशों का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पा रहा था। बुरे दौर में प्रवीण कुमार ने वहां पहुंचकर दोनों समुदायों में पुलिस प्रशासन का भरोसा कायम किया और हालात तेजी से सामान्य हुए। प्रवीण कुमार को राजधानी लखनऊ का एसएसपी और डीआईजी बनने का भी गौरव हासिल हुआ वह नोएडा के भी एसएसपी रहे। नेता और पत्रकार सभी पीठ पीछे उनकी तारीफ करते हैं। उनकी सज्जनता और संवेदनशीलता के चर्चे होते हैं वह साहित्य और कविताओं में भी रुचि रखते हैं गजल और शेरो शायरी में भी उनकी दिलचस्पी है वह एक और मन नाम की किताब में उनकी शेरो शायरी गजलें और कविताएं प्रकाशित हो चुकी है। वह एक सफल प्रशासक हैं अनुशासित पुलिस अधिकारी हैं कानून के बड़े जानकार हैं और एक नाज़ुक दिल कवि भी हैं।


चाहे नक्सली गतिविधियों से प्रभावित चंदौली जनपद रहा हो या फिर नारको ट्रेड यानी मादक द्रव्यों के कारोबार से जुड़ा बाराबंकी, रियल स्टेट और राजनीति का गढ़ नोएडा और राजधानी लखनऊ रही हो या फिर सांप्रदायिक तनाव के लिए संवेदनशील समझा जाने वाला मुजफ्फरनगर ,प्रवीण कुमार अखिल भारतीय पुलिस सेवा के उन भाग्यशाली अधिकारियों में रहे हैं जिनका 22 वर्षों का कैरियर पूरी तरह बेदाग रहा और जो सभी जनपदों में हर वर्ग के लोगों के दिलों में आज भी एक सम्मानजनक स्थान बनाए हुए हैं।

कम लोगों को पता है कि आईपीएस सेवाओं को क्वालीफाई करने के पहले प्रवीण कुमार उत्तर प्रदेश सरकार की प्रांतीय सिविल सेवा यानी पीसीएस के भी अधिकारी रह चुके हैं । लगभग 5 वर्ष उन्होंने एसडीएम के तौर पर प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण जनपद में अपनी सेवाएं दी थी । तब जनपद को इलाहाबाद कहा जाता था 2001 में प्रयागराज के चर्चित सहस्त्राब्दी महाकुंभ में उन्होंने एसडीएम सदर के रूप में प्रशासनिक योगदान दिया और उसी वर्ष उन्होंने एसडीएम सदर रहते हुए IAS की परीक्षा दी और सम्मानजनक स्थान हासिल करते हुए IPS में यूपी काडर हासिल किया।

पिछले 20 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने जितने भी मुख्यमंत्री देखें वह सभी व्यक्तिगत रूप से प्रवीण कुमार की कार्यशैली के प्रशंसक हैं ।
उनकी चर्चा उत्तर प्रदेश के गृह विभाग में सबसे योग्य अधिकारियों के रूप में होती है और अब योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आईजी मेरठ के लगभग 3 वर्षों के सफल कार्यकाल के पश्चात अयोध्या मंडल का आईजी यानी पुलिस महा निरीक्षक के पद पर तैनात करने का निर्णय लिया है ।

अयोध्या मंडल भारत की नवीन सांस्कृतिक चेतना और ऐतिहासिक धार्मिक पुनर्जागरण का प्रतिबिंब बनने की ओर अग्रसर है उत्तर भारत की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ-साथ अयोध्या एक वैश्विक महानगर के रूप में भी सुसज्जित हो रहा है । ऐसे में अयोध्या क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था सुगम यातायात और सामाजिक अनुशासन को नए सिरे से नियोजित करने की आवश्यकता है।

भविष्य की अयोध्या के लिए प्रभावी पुलिस प्रणाली की संरचना और धरातल पर उसे जनउपयोगी पद्धति के साथ लागू करने की चुनौती अब प्रवीण कुमार के कंधों पर होगी। अयोध्या मंडल के जनपदों में लगभग 2 करोड़ की जनसंख्या निवास करती है । अयोध्या के साथ-साथ बाराबंकी जिला भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि राजधानी से लगा हुआ है और यहां दशकों से कोई भी अधिकारी मादक द्रव्य और नशीले पदार्थों के काले कारोबारियों का नेटवर्क पूरी तरह तोड़ नहीं पाया है छोटे-मोटे ड्रग कैरियर्स को जेल भेजकर ही कर्तव्य पूरे कर लिए जाते हैं और सफेद पोस माफिया करोड़पति से अरबपति बनते जा रहे हैं । दूसरी तरफ सुल्तानपुर और अमेठी जनपद भी काफी चर्चित है बड़े राजघराने और दबंग माफियाओं की अयोध्या मंडल में आज भी कई इलाकों में दहशत कायम है ।

अब अयोध्या मंडल में अपराध कानून व्यवस्था अफीम तस्करों संगठित माफियाओं और बाहुबली नेताओं को कानून का पाठ पढ़ाने की जिम्मेदारी आई जी प्रवीण कुमार के कंधों पर होगी।

अयोध्या मंडल के पुलिस महानिरीक्षक का दायित्व एक तरफ जहां काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है वहीं दूसरी तरफ यहां का अनुभव किसी भी लोकसेवक के व्यक्तित्व को निश्चित ही और अधिक विस्तार और प्रभाव देने वाला है।

द इंडियन ओपिनियन के लिए
दीपक मिश्रा की रिपोर्ट

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