बीजेपी संसदीय बोर्ड से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किया बाहर, संसदीय बोर्ड से बाहर होने पर उन्होंने शनिवार को दी प्रतिक्रिया-

बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर होने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने शनिवार को कहा, मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा।

2013 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा की संसदीय बोर्ड के सदस्य थे। लेकिन अब उनकी जगह भाजपा के सीनियर नेता सत्यनारायण जटिया को सदस्य बनाया गया हैं। संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने के सवाल खड़ा हो गया कि 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। 2018 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर लड़ा था और चुनाव में भाजपा सीटों के मामले में गई थी और सरकार बदल गई थी।

शिवराज ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा, बीजेपी एक विशाल परिवार है। इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर आता है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है, जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। शिवराज बीजेपी के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि वे पिछले नौ साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे।
मध्यप्रदेश से अब दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दलित नेता सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में शामिल केंद्रीय नेतृत्व ने 2023 के लिए अपनी रणनीति का साफ संकेत दे दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया के सहारे प्रदेश में बीजेपी ने दलित कार्ड खेल दिया है। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें रिजर्व हैं। और पूरे मध्य प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों पर दलित वोटर जीत हार तय करते हैं।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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