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मोदी सरकार ने PFI को किया बैन, इस्लामिक देशों की मीडिया ने ये कहा

पीएफआई को सरकार ने बैन कर दिया है. इस बैन को लेकर सरकार का कहना था कि संगठन कई ऐसे गतिविधियों में शामिल था जो गैरकानूनी हैं और देश के संविधान के खिलाफ हैं. इस फैसले की कई लोगों ने जमकर तारीफ की तो कई लोग इसकी मुखालिफत में भी नजर आए. पीएफआई पर लगे इस बैन को लेकर अलग-अलग देशों की प्रक्रियाएं सामने आ रही हैं. तो चलिए जानते हैं कि मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर किसने क्या कहा?..

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने कहा कि मोदी सरकार पर मुसलमानों के साथ भेदभावों के आरोप लगते आए हैं. लेकिन सरकार इसे हमेशा खारिज करती आई. पीएफआई सरकार के खिलाफ भेदभाव वाले प्रदर्शन को सपोर्ट करता है. मिसाल के तौर पर सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन और 2022 कर्नाटक में हिजाब की सपोर्ट में मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन |

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई के साथ ही उससे जुड़े 8 सहयोगी संगठनों को भी देश में बैन कर दिया है. बैन होने वाले 8 संगठनों में एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन इंडिया, रिहैब फाउंडेशन केरल, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और नेशनल वीमेन फ्रंट शामिल हैं. वहीं इसके अलावा रिपोर्ट्स की मानें तो पीएफआई का संबंध सिमी जैसे आतंकी संगठन से भी जुड़ चुका है.

 

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