भारतीय जनता पार्टी की ओर से नए संसदीय बोर्ड का किया गया एलान,बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से हटाया-

बीजेपी ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से कुछ बड़े नेताओं की छुट्टी हो गई है। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य थे। इस बार उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

बोर्ड में वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी को जगह नहीं मिली है। पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कभी-कभी मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं। समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किए जा सकते हैं। वहीं बीएस येदियुरप्पा व बीएल संतोष को संसदीय बोर्ड में एंट्री मिली है। येदियुरप्पा कर्नाटक के सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। और तीन बार नेता विपक्ष रहे हैं। कर्नाटक के अलावा येदुरप्पा का दक्षिण में अच्छा खासा प्रभाव है। मुख्यमंत्री पद के हटाए जाने के बाद अब येदुरप्पा को संसदीय बोर्ड में लाया गया है।

इसके अलावा केंद्रीय चुनाव समिति का भी गठन किया गया है। इसमें 15 सदस्यों को शमिल किया गया है। केंद्रीय संसदीय समिति की तरह चुनाव समिति का अध्यक्ष भी जेपी नड्डा को बनाया गया है। शिवराज सिंह चौहान की गिनती बीजेपी में कद्दावर नेताओं के रूप में होती है। वह चौथी बार बीजेपी बीजेपी के सीएम बने हैं। इसके बावजूद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। शिवराज सिंह चौहान को 2013 में बोर्ड में शामिल किया गया था। नार्थ ईस्ट से सर्बानंद सोनोवाल को स्थान मिला है। वह असम के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। फिलहाल केंद्र में मंत्री है। नार्थ ईस्ट में उनका प्रभाव भी है।

एमपी से शिवराज सिंह चौहान की जगह पूर्व मंत्री सत्यनारायण जटिया को मौका मिला है। सत्यनारायण जटिया कवि भी हैं। साथ ही संघ के करीबी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जटिया के मधुर संबंध हैं। दो साल पहले उन्होंने पूरे परिवार के साथ पीएम से संसद भवन में मुलाकात की थी।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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