‘गरीबों के मसीहा’ कहे जाने वाले पद्मश्री डॉ. सुशोवन बनर्जी नही रहें-

पंश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक रुपए लेकर चिकित्सा करने वाले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सुशोवन बनर्जी नहीं रहे।
उनका कोलकाता के एक निजी अस्पताल में मंगल को निधन हो गया,जानकारी के मुताबिक पद्मश्री से सम्मानित सुशोवन बनर्जी पिछले कुछ महीनों से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। कुछ दिन पहले उन्हें कोलकाता में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे उनका निधन हो गया, उन्हें मंगलवार दोपहर बोलपुर लाया जाएगा।

डॉ. सुशोवन बनर्जी ने साल 1964 में बीरभूम जिले के बोलपुर में, ‘सिस्टर निवेदिता’ के नाम से एक क्लिनिक खोला, इस क्लिनिक का उद्देश्य था कैसे गरीब और बेसहारा मरीजों का कम खर्च में इलाज किया जा सके। 57 साल तक बोलपुर के हरगौरीतला में सिर्फ एक रुपये में मरीजों को देखा करते थे। वे हर दिन औसतन 150 मरीजों को देखा करते थे। उनकी अनवरत सेवा भाव को देखते हुए सरकार ने 2020 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से विभूषित किया था।पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद भी डॉ. सुशोवन बनर्जी ने अपने मूल कार्य को नहीं छोड़ा है।

कोलकाता के RG Kar Medical College से पोस्ट ग्रेजुएट और कलकत्ता विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल जितने के बाद डॉक्टर सुशोवन बनर्जी ने लंदन से haematology में डिप्लोमा किया। इसके बाद वह अपने शहर बोलपुर में आम लोगो के बीच रहने के लिए वापस भारत आ गए।
जैसा भी समय हो कोराना काल हो या सामान्य काल, सदा लोगों की सेवा करते रहे।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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