सिद्धार्थनगर : मत्स्य विभाग द्वारा स्थानीय नगर में नगर पालिका के सहयोग से निर्मित हुआ मत्स्य हाट आज हाथी दांत बना हुआ है

सिद्धार्थनगर : मत्स्य विभाग द्वारा स्थानीय नगर में नगर पालिका के सहयोग से निर्मित हुआ मत्स्य हाट आज हाथी दांत बना हुआ है। तीन लाख की लागत से पांच वर्ष पूर्व निर्मित हुए इस हाट में आज तक मछली मंडी की स्थापना नहीं हो सकी है। मुख्य मार्ग पर ही मीट मछली की दुकानें लग रही हैं और प्रशासन लापरवाह बना हुआ है जबकि गर्मी व बरसात में इससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है।नगर के गंगुली मोहल्ले में उक्त मत्स्य हाट को वर्ष 2010 में नपा द्वारा दी गई जमीन पर मत्स्य विभाग द्वारा स्थापित किया गया।

इसके पीछे नपा की मंशा थी कि नगर में सड़क के किनारे लगने वाली मीट मछली की दुकानों को आबादी से दूर स्थित इस मंडी में स्थापित कर दिया जायेगा। मंशा पूरी भी हुई तो आज तक परवान न चढ़ सकी। 10 कमरों का यह हाट आज भी सिर्फ नपा व मत्स्य विभाग की उदासीनता की कहानी कह रहा है। इधर से गुजरने वाले लोग मत्स्य हाट लिखा देख इसे मजाक बनाते कहते हैं कि अगर इस हाट का निर्माण कराया गया तो इसमे मंडी अभी तक स्थापित क्यों नहीं हुई ?

लोगों का कहना है कि नगर के बांसी -नौगढ़ मुख्य मार्ग पर लगने वाली मछली मंडी से जो दुर्गध उठती है नपा उसके प्रति उदासीन बना है। उसके इस उदासीनता से संक्रामक बीमारी के पैर फैलाने का खतरा भी बना हुआ है। निर्मित हाट में अविलंब मछली मंडी स्थापित करने की मांग लोग प्रशासन से कर रहे हैं।

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