सुरेंद्र सिंह वर्मा की दावेदारी औरों पर पड़ेगी भारी? गुटबाजी के बीच हाई प्रोफाइल हुआ नगर पालिका चुनाव!

राजधानी लखनऊ के नजदीकी जनपद बाराबंकी के प्रतिष्ठित नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए बड़े-बड़े दिग्गज मैदान में उतर आए हैं । पिछले 10 वर्षों से यहां चर्चित शख्सियत लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव का परिवार काबिज है।

माफिया बबलू श्रीवास्तव के गुरु कहे जाने वाले रंजीत बहादुर श्रीवास्तव लगातार पिछले 10 वर्षों से बाराबंकी में जिला मुख्यालय की नगर पालिका की प्रभावशाली कुर्सी पर सुशोभित हो रहे हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ इस बार भारतीय जनता पार्टी के ही कई प्रभावशाली नेता नहीं चाहते कि रंजीत बहादुर के परिवार को तीसरी बार मौका मिले इसलिए उनके परिवार को तीसरी बार टिकट के लिए भी बड़ा संघर्ष है। 

हालांकि उनका दावा है कि वह न सिर्फ तीसरी बार भाजपा की प्राथमिकता में बने रहेंगे बल्कि उनका परिवार ही नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान होगा, ऐसा वह पहले इंटरव्यू में भी कह चुके हैं। उनका यह भी कहना है कि उन्होंने शहर का अभूतपूर्व विकास कराया है जो कि चारों तरफ दिखाई पड़ रहा है।

वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी नगरपालिका के सिंहासन पर काबिज होने के लिए बेताब है ।
सदर विधायक सुरेश यादव की इस चुनाव में बड़ी भूमिका है लोग कहते हैं अपनी विधानसभा क्षेत्र में स्थित इस मुख्यालय की  नगरपालिका पर अपने छोटे भाई धर्मेंद्र यादव को देखना चाहते हैं,

हालांकि सुरेश यादव इस बात की पुष्टि नहीं करते लेकिन समाजवादी पार्टी में भी बहुत से लोग सुरेश यादव के परिवार को ज्यादा ताकतवर होता नहीं देखना चाहते, सभी दलों में “दिलजलों” की गुटबाज़ी हावी है।

विधानसभा चुनाव के कुछ दिन पहले ही सुरेंद्र सिंह वर्मा भाजपा छोड़कर सपा में आ गए, जिला पंचायत चुनाव में उन्होंने पूरी ताकत से समाजवादी पार्टी को हराने में बड़ी भूमिका निभाई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के चंद दिनों पहले बदले हुए समीकरणों में और परिवार से टिकट ना मिलने की नाराजगी को लेकर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

अखिलेश के नेतृत्व पर भरोसा जताया और समाजवादी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में काम भी किया जिसकी वजह से बाराबंकी में सपा का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बेहतर रहा।

अब सुरेंद्र सिंह वर्मा भी “रिटर्न गिफ्ट” चाहते हैं लंबे समय से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं तो शहर की सरकार पर अपना प्रभाव चाहते हैं नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ना चाहते हैं , शहर में चारों तरफ उनकी होर्डिंग लग गई है।

हर तरह से मजबूत हैं परिवार में पूर्व मंत्री संग्राम सिंह वर्मा का तो आशीर्वाद साथ है ही इसके अलावा उनकी धर्मपत्नी भी कई बार जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं स्वयं ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं, पूरा परिवार सियासत का बड़ा खिलाड़ी है इसलिए जो करते हैं ठोक बजाकर करते हैं जहां दावेदारी होती है मजबूत होती है।

नगर निकाय के चुनाव में अभी आरक्षण का पेंच फंसा हुआ है सपने तो बहुत लोग देख रहे हैं लाखों रुपए खर्च करके शहर को प्रदूषणकारी होर्डिंग से पाट दिया गया है खूब सारे मुस्कुराते चेहरे हर चौराहे पर लटके दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन असली मुस्कुराहट तो तब आएगी जब पार्टियां टिकट घोषित करेंगे और जब जनता जीत का मुकुट पहनाएगी।

द इंडियन ओपिनियन, बाराबंकी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *