रोहिंग्या शरणार्थियों के कैंप जहां हैं वहां क्राइम की वारदातों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की कोशिश भी कर रहा है। बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, कॉक्स बाजार के इलाके में पिछले पांच साल में हत्या, लूट, रेप, ड्रग स्मगलिंग और कई अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों में लगभग सात गुना की वृद्धि हुई है।
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा, ‘रोहिंग्या शरणार्थियों के मोबाइल फोन को ट्रैक किया जाएगा ताकि वे कोई भी अवैध गतिविधि न कर सकें।
असदुज्जमां खान कमाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में सेना के जवानों को तैनात किया जाएगा, जिससे क्राइम बढ़ने से रोका जा सके।
बांग्लादेश, जिसने 2017 में म्यांमार की सेना की कार्रवाई से भागे रोहिंग्या शरणार्थियों का खुले हाथों से स्वागत किया, उनकी तेजी से बढ़ती आबादी और अपराध में कथित रूप से शामिल होने के कारण दबाव में है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भाषण में कई बार पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि कुछ रोहिंग्या शरणार्थी आपराधिक गतिविधियों को लीड कर रहे हैं
और वे कैंप कट्टरपंथी संगठनों के लिए गढ़ बन रहे हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’