TIO Exclusive: निराधार तथ्यों पर खबर एवं भड़काऊ बयान देने वालो पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार! दंगाई पर एनएसए

बाराबंकी: जनपद की तहसील राम सनेहीघाट के आवासीय परिसर के भीतर स्थित निर्माण को ढहाए जाने के बाद द वायर नामक वेब पोर्टल द्वारा निराधार तथ्यों के आधार पर एक खबर प्रसारित की गई थी जिस के क्रम में बाराबंकी पुलिस द्वारा द वायर संस्था के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया था।

उक्त मुकदमा दर्ज होने के बाद एफआईआर को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी लेकिन उच्च न्यायालय ने एफआईआर रद्द करने से साफ इनकार कर दिया है, वही एफआईआर रद्द करने से इनकार के बाद द वायर संस्था के पत्रकार के साथ मिलकर भड़काऊ बयान देने वाले मोहम्मद नईम और संस्था के पत्रकार के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गरीब नवाज मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और बाराबंकी के एक स्थानीय निवासी मो. नईम ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया। विचाराधीन एफआईआर उनके और समाचार पोर्टल द वायर और उसके दो पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई थी, जो गरीब नवाज मस्जिद के कथित अवैध विध्वंस मुद्दे पर अपने पोर्टल पर इसकी रिपोर्टिंग की थी।

द वायर संस्था द्वारा प्रसारित की गई ख़बर में रामसनेहीघाट की आवासीय परिसर में स्थित अवैध निर्माण पर फर्जी दावा करते हुए वीडियो में मोहम्मद नईम के द्वारा धार्मिक ग्रंथों को अपमानित करने का फर्जी दावा किया गया था वहीं इस मामले में पूर्व में ही बाराबंकी के जिला अधिकारी ने कार्यवाही की थी इसी के क्रम में प्रशासन ने हाल में ही दंगाइयों पर एनएसए भी लगाया गया है।

वेब पोर्टल द वायर पर दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने कहा कि यह याचिकाकर्ताओं के लिए इस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत दायर करने के लिए खुला रहेगा और अदालत आपराधिक कार्यवाही को रद्द नहीं कर सकती। एफआईआर में मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और स्थानीय निवासियों में से एक मोहम्मद नईम का नाम है, जैसा कि वीडियो में द वायर के पत्रकार उनसे बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। महेंद्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने द वायर के दो पत्रकारों के खिलाफ गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस पर उनकी रिपोर्ट के लिए एफआईआर दर्ज की।


एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि पत्रकारों ने जानबूझकर ‘समाज में वैमनस्य फैलाने’ और ‘सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने’ के लिए एक ‘अवैध इमारत’ (मस्जिद) के कानूनी विध्वंस के संबंध में वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया।

उक्त के क्रम में मनोज पांडेय अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी द्वारा बताया गया कि निराधार तथ्यों के आधार पर प्रसारित की गई खबर के विरुद्ध द वायर वेब संस्था पर तत्समय मुकदमा दर्ज किया जा चुका है, उच्च न्यायालय से संबंधित आदेश प्राप्त होने की दशा में अग्रेतर कार्यवाही की जाएगी।

वही तहसील रामसनेहीघाट कथित मस्जिद मामले में एक बड़ी कार्यवाही की गयी है, 19 मॉर्च को तत्कालीन अवैध निर्माण हटाने के दौरान उपद्रवियों द्वारा पथराव किया गया था, आपको बता दे बाराबंकी की रामसनेही घाट तहसील परिसर में स्थित अवैध निर्माण को हटाने की कार्यवाही के दौरान हमला किया गया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन जॉइंट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल के आवास पर हमला करने वालो के विरुद्ध जिलाधिकारी ने एनएसए की कार्यवाही की थी जिसके क्रम में हाइकोर्ट द्वारा एनएसए को मंजूरी देते हुए कार्यवाही के दौरान सैकड़ों की भीड़ लेकर हमला करने के आरोपी मोहम्मद इश्तियाक पर NSA लगाया गया है।

रिपोर्ट- नितेश मिश्रा

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