घी के साथ मिलकर ये 5 चीजें बन जाती हैं अमृत समान, एक्सपर्ट ने बताया इतनी बार करें सेवन नहीं पड़ेंगे कभी बीमार |

घी (Ghee) भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है। शायद ही ही ऐसा कोई घर होगा जहां घी पसंद न किया जाता हो। घी स्वाद में तो बेहतर होता ही है, साथ ही इसकी सुगंध खाने को और लाजवाब बना देती है। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल दाल, करी या सब्जी बनाने के अलावा रोटी पर लगाने के लिए करते हैं। घी न केवल भोजन के स्वाद को एक स्तर ऊपर ले जाता है बल्कि कई सेहतमंद लाभों को भी प्रदान करता है। लेकिन अगर आप घी के फायदे को डबल करना चाहते हैं तो यहां बतायी गई 5 चीजों के साथ इसका सेवन शुरू कर दें।

1. हृदय के स्वास्थ्य के लिए घी खाने के फायदे

माना जाता है कि रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा के कारण हृदय संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (1)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, घी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में घी को मिलाने से एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है, जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है (2)।

2. कैंसर की रोकथाम के लिए घी के फायदे

कैंसर से बचने के लिए घी का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, घी में कार्सिनोजन यानी कैंसर के असर को कम करने के गुण पाए जाते है। साथ ही घी कैंसर को बढ़ाने वाले ट्यूमर की पनपने से रोक सकता है। इसके अलावा घी में मिलने वाला लिनोलिक एसिड कोलन कैंसर को भी रोकने का काम कर सकता है (3)।

साथ ही ध्यान रहे कि कैंसर घातक बीमारी है। अगर कोई इसकी चपेट में है, तो उचित मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी है। सिर्फ घरेलू उपचार के सहारे रहना सही निर्णय नहीं है। साथ ही कैंसर की अवस्था में घी का सेवन करना है या नहीं और कितना करना है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

3. वजन कम करने के लिए घी खाने के फायदे

अगर बात हो वजन कम करने की, तो घी के सेवन से इसे नियंत्रित कर लोगों को फिट बनाया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, ऑक्सीडाइज घी में सैचुरेटेड फैटी एसिड और ओलिक एसिड पाए जाते हैं। ये दोनों घटक वजन को बढ़ने से रोकते हैं और बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (4)।

सैचुरेटेड फैटी एसिड, जो कि शॉर्ट चेन फैटी एसिड होते हैं, फैट बर्निंग में मदद कर सकते हैं। विशेष रूप से, शरीर के अधिक फैट वाले हिस्सों में जमा वसा को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि पाचन क्रिया को धीमा करने के लिए घी पेट में एसिड के स्राव को बढ़ाता है और पाचन क्रिया धीमी होने से भी मोटापा कम करने में फायदा मिल सकता है (5)।

इसके अलावा, डॉक्टरों को कहना है कि जब घी को भोजन में शामिल किया जाता है, तो यह खाने के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर सकता है। इससे बेहतर मेटाबॉलिज्म होता ही है, साथ ही ब्लड में शुगर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ती है, जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। ऐसे में दोपहर के खाने में घी को शामिल करना उपयोगी हो सकता है।

4. अच्छे पाचन के लिए

आयुर्वेद के अनुसार, घी पचाने में आसान होता है। यह खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य तेलों के मुकाबले पेट के लिए हल्का होता है। खासकर, गाय का घी पाचन तंत्र को बेहतर करता है (6)। संभवत, इसलिए गर्भवती महिलाओं को शुरुआती महीनों में होने वाली कब्ज, मतली और उल्टी की समस्या को कम करने के लिए भोजन में घी शामिल करने की सलाह दी जाती है (7)।

5. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घी खाने के फायदे

स्वस्थ रहने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर होना जरूरी है। वहीं, अक्सर बीमार रहने और जल्दी बीमारी से न उबर पाने वालों के लिए भी घी फायदेमंद माना जा सकता है। यह कमजोर होती रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। दरअसल, घी में कंजगेटेड लिनोलेनिक एसिड पाया जाता है। यह एसिड रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने के साथ ही शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है (8)। इसके अलावा, घी एक लुब्रीकेंट की तरह काम कर सकता है और स्पाइन को स्थिरता और ताकत दे सकता है।

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर शरद कुलकर्णी बताते हैं कि घी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। जो आपके शरीर को कई तरह के रोगों से बचाने का काम करते हैं। इसका फायदा तब दोगुना हो जाता है जब आप घी को हल्दी, कपूर, तुलसी, दालचीनी जैसे जड़ी-बूटियों के साथ खाते हैं। ज्यादा नहीं केवल एक-दो बार इसका सेवन आपकी सेहत को दुरुस्त करने के लिए काफी होता है।

विशेषज्ञ घी के साथ हल्दी को मिलाकर खाने का सुझाव देते हैं। यह मिश्रण वजन कम करने, नई रक्त वाहिकाओं का निर्माण करने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार और गुर्दे को हेल्दी बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह मिश्रण शरीर में सूजन को कम करता है।

घी के साथ खाएं तुलसी

शरीर के लिए तुलसी के कई फायदे हैं। इसकी पत्तियां विटामिन ए, सी और के से भरपूर होती हैं। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटेशियम भी होते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि तुलसी ब्लड शुगर, लिपिड और रक्तचाप के स्तर को सामान्य करने में मदद करती है। इसके अलावा यह मानसिक तनाव में भी मदद करता है।

घी का उपयोग – How to Use Ghee in Hindi

रोजाना देसी घी का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि देसी घी के फायदे तभी मिलते हैं, जब इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाए। नीचे हम आपको स्वाद और सेहत के लिए घी के कुछ खास उपयोग बता रहे हैं।

  • रोटी को स्वादिष्ट बनाने के लिए उस पर घी का उपयोग करना आम बात है।
  • इसका उपयोग कई पकवान और मिष्ठान बनाने के लिए कर सकते हैं।
  • घी का उपयोग तड़का लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • पानी, काली मिर्च, चीनी और अदरक की चाय में घी मिलाकर पीने से खांसी और गले की समस्याओं में फायदा मिल सकता है।
  • दक्षिण भारत में घी का उपयोग डोसा, इडली व उत्तपम जैसे स्वादिष्ट खाद्यों को बनाने के लिए किया जाता है।
  • गर्मी बढ़ने पर एक चम्मेच घी में थोड़ी-सी शक्कर को मिलाकर इसका सेवन करने से गर्मी के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • देसी घी को कई जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने पर यह कई रोगों को दूर करने का काम बखूबी करता है।
  • किसी भी खाद्य पदार्थ को बनाने में तेल के स्थान पर घी का उपयोग कर सकते हैं।

अंत तक पढ़ें

घी के उपयोग के बाद यहां हम आपकाे बता रहे हैं घर में घी बनाने का आसान तरीका।

घी के नुकसान – Side Effects of Ghee in Hindi

जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। ऐसा नहीं है कि घी हमेशा फायदेमंद ही होता हो। कुछ परिस्थितियों में घी खाने के नुकसान भी हाे सकते हैं। जैसे:

  • घी में विटामिन ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है (14)। विटामिन ए का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिरदर्द, भूख में कमी और उल्टी के साथ-साथ श्वास नली के जाम होने का खतरा हो सकता है (15)।
  • घी के ज्यादा सेवन से शरीर में उच्च स्तर के सैचुरेटेट फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, इनकी बड़ी हुई मात्रा को हृदय रोगों के लिए हानिकारक माना गया है (16)।
  • अधिक मात्रा में किया गया घी का सेवन अपच और दस्त की समस्या का कारण बन सकता है (17)।
  • घी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक सेवन शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि सदियों से रसोई में उपयोग किए जाने वाले घी का आयुर्वेद में भी बराबर का स्थान प्राप्त है। घी न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि अपने गुणों के कारण सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। अगर आप घी खाने से कतराते हैं, तो इससे होने वाले कई फायदों के लाभ नहीं ले पाएंगे। ऐसे में संतुलित मात्रा में घी को खाने में शामिल कर न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाएं, बल्कि सेहत के लाभ भी पाएं। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से इसे अपने भाेजन में शामिल करें।

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