प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के साथ भूजल स्तर बढ़ाने के लिए दिया गया प्रशिक्षण, लागू होगा अमेठी मॉडल!

शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति सरकारों की गंभीरता को देखते हुए अब ग्राम पंचायतों को भी इस दिशा में आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है.

इसी क्रम में विकास खण्ड हरख के प्रधान पंचायत सहायक ब्लॉक कोऑर्डिनेटर व सफाई कर्मचारियों का स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेश 2 के अंतर्गत जिला अमेठी के गौरीगंज मे प्रशिक्षण कराया गया ।

जिसमें आर आर सी सेंटर एवं शोक पिट बनाने के लिये प्रेरित किया गया तथा गौरीगंज के बहादुरपुर गांव में मॉडल के रूप में बने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर व वर्मी कम्पोस्ट गड्ढा बनाने के लिए ग्राम प्रधान पंचायत सहायक ब्लॉक कोऑर्डिनेटर व सफाई कर्मचारियो को दिखाया गया और इसी तर्ज पर अपने अपने ग्राम पंचायत में बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

जिससे गांव में गंदगी न फैले और सुखे कचरे व गीले कचरे का आसानी से निस्तारण किया जा सके नालियों के गंदे पानी को साफ करके तालाबों तक पहुंचाने के लिए तालाब के किनारे नालियों पर सिल्ट कैचर बनाने के लिये प्रेरित किया गया। जिससे तालाबों का पानी दूषित ना हो और गांव में बीमारियां कम हो और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 योजना का लाभ सही तरीके से जनता तक पहुंचाया जा सके।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों में ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रदूषण काफी बढ़ता जा रहा है प्लास्टिक कचरा और पॉलिथीन की समस्या की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में भी नदी नाले प्रदूषित हो रहे हैं और भूगर्भ जल के अत्याधिक दोहन की वजह से जल संकट भी उत्पन्न हो रहा है ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में प्रदूषण दूर करते हुए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और भूगर्भ जल स्तर को बेहतर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने गंभीरता दिखाई है इसी क्रम में सभी ग्राम पंचायतों को उसके लिए तैयार किया जा रहा है.

रिपोर्ट – मो० शकील

द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी

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