स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ते हुए उनकी आय बढ़ाने के लिए उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने अब जैविक खेती योजना बनाई है। जिसके तहत 20400 महिला किसानों को जैविक खेती से जोड़ा जा रहा है। आजीविका मिशन के निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी के मुताबिक इन ग्रुपों को लगातार तीन साल तक प्रशिक्षित किया जाएगा। हर साल जैविक विधि से इनसे खेती कराई जाएगी।
प्रदेश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 24 जिलों के 34 ब्लाक को आजीविका मिशन ने चिन्हित किया गया है। अंबेडकरनगर, औरैय्या, आजमगढ़, बाराबंकी, हरदोई, ललितपुर, चित्रकूट, महोबा, बहराइच, बांदा, बस्ती, देवरिया, चंदौली, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, प्रयागराज, सोनभद्र, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ व वाराणसी को इस योजना में शामिल किया गया है।
खेती में तकनीकी सहयोग के लिए सिलीगुड़ी की संस्था विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी का सहयोग लिया जा रहा है। लगातार तीन साल कुशलतापूर्वक जैविक खेती करने के बाद इन ग्रुपों को भारत सरकार से प्रमाण पत्र मिलेगा। उन्होंने बताया है कि महिला किसानों को मनरेगा कंवर्जेंश के माध्यम से गोबर की खाद व वर्मीज कंपोस्ट दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’