पूरे रमजान चुनाव नहीं टाल सकते, हमने जुम्मे का रखा ध्यान-चुनाव आयोग


चुनाव आयोग ने रमजान के महीने में चुनाव कराने के फैसले पर उठ रहे सवालों को नकारते हुए कहा कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है। इस मामले में आयोग की ओर से सोमवार को जारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रमजान के दौरान पूरे महीने के लिए चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ईद के मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि आप और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रमजान के दौरान चुनाव कराने को लेकर आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए जानबूझ कर ऐसा चुनाव कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया है।

चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद ‘आप’ विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा था 12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।’’ इसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इस साल रमजान का मुकद्दस महीना 5 मई से शुरू हो रहा है, यानि कि 6, 12 और 19 मई को होने वाली आखिरी तीन चरणों की वोटिंग रमजान के दौरान होगी।

रमजान के दौरान मुस्लिम समाज के लोग सुबह से शाम तक बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं। ऐसे में ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि रोजे और भीषण गर्मी के दौरान मुस्लिम मतदाता घंटों तक लाइन में लगकर कैसे वोटिंग में हिस्सा लेंगे और अगर मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग का प्रतिशत कम रहा तो इससे उन पार्टियों का गणित गड़बड़ाएगा जिनको मुस्लिम वोट देते हैं और ऐसे में विरोधी पार्टियों को इसका सीधा लाभ मिल सकता है। बता दें कि रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावों की तारीख घोषित करते हुए कहा था कि इस बार सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। 11 अप्रैल को चुनाव शुरू होकर 19 मई को खत्म होंगे और चुनाव के परिणाम 23 मई को आएंगे।