तहसील परिसर से “विवादित ढांचा/कथित मस्जिद” हटाए जाने पर सियासत तेज अखिलेश ने बनाई जांच कमेटी!

सौ साल पुरानी मस्जिद तोड़ना निंदनीय! उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराई जाए जांच- अखिलेश यादव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाराबंकी के राम सनेही घाट में सौ साल पुरानी मस्जिद को तोड़े जाने की घटना को निंदनीय बताया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन का यह कृत्य भारतीय संविधान के सामाजिक सद्भाव की अवधारणा के विरुद्ध है। यूपी में चुनाव निकट आता देख भाजपा सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सक्रिय हो गई है। देश की गंगा जमुनी संस्कृति को बिगाड़कर बीजेपी अपनी राजनीति करती रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति से धार्मिक उन्माद फैलाना चाहती है। जनता को इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। सौ वर्ष पुरानी मस्जिद को तोड़ना सत्ता का दुरुपयोग है। भाजपा का ऐसे कृत्यों में संलिप्त रहने का इतिहास रहा है।

अखिलेश यादव ने बाराबंकी की घटना की जाँच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से किए जाने और मस्जिद का पुर्ननिर्माण किये जाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों से सम्पर्क कर इस घटना के बारे में वार्ता करेंगे।

समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल में अरविंद सिंह गोप पूर्व कैबिनेट मंत्री, राम सागर रावत पूर्व सांसद, फरीद महफूज किदवई और राकेश वर्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री, सुरेश यादव विधायक, राजेश यादव राजू सदस्य विधान परिषद, गौरव रावत विधायक, हाफिज अयाज जिलाध्यक्ष बाराबंकी समाजवादी पार्टी और चौधरी अदनान सदस्यगण हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ

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