

रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा-
एक तरफ पूरा देश कोरोनावायरस से लड़ने के लिए एकजुट हो रहा है वहीं दूसरी तरफ देश के गद्दारों को मजबूत जवाब देने में सरकार नाकाम रही है।
एक बार फिर नक्सल आतंकियों ने छत्तीसगढ़ में घात लगाकर हमला करते हुए एसटीएफ और डीआरजी यानी डिस्टिक रिजर्व गार्ड के 17 जवानों की हत्या कर दी है।

बताया जाता है कि सुकमा में सशस्त्र नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना पर एसटीएफ और डीआरजी जवानों की टीम जांच के लिए गई थी लेकिन नक्सलियों ने घात लगाकर धोखे से हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पांच नक्सलियों की भी मौत हुई है।
सर्च ऑपरेशन में 17 जवानों के शव जंगल से बरामद हुए हैं नक्सलियों ने जवानों की हत्या करने के बाद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिया है जिसमें एके-47, एके-56, एसएलआर और लाइट मशीन गन भी शामिल है। इस घटना के बाद भारी मात्रा में फोर्स मौके पर भेजी गई है।

गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सरकारों की लचर नीति के चलते हजारों सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों की मौत हो चुकी है पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद पर तो सरकार ने ठोस लगाम लगाई है लेकिन नक्सलवाद के आगे मोदी सरकार भी उतनी मजबूत नहीं साबित हुई जितनी लोगों को उम्मीद थी।
नक्सलवादियों के आगे राजनैतिक नरमी का ही नतीजा है कि अक्सर नक्सलवादी घात लगाकर बड़ी संख्या में हमारे जवानों को मौत के घाट उतार देते हैं सरकार ने अगर नक्सलवादियों के खिलाफ कश्मीर की तर्ज पर ऑपरेशन ऑल आउट चलाया होता तो आज हालात इतने खराब ना होते और जवानों को शहीद होना पड़ता है।