
उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड डीजीपी, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा के सदस्य बृजलाल इस समय बीजेपी के अनुसूचित जाति के बड़े नेता के रूप में सक्रिय हैं साथ ही वह सिद्धार्थनगर जनपद के चौमुखी विकास को लेकर भी गंभीरता से काम कर रहे हैंl
नेपाल सीमा पर स्थित सिद्धार्थनगर जनपद भारतीय संस्कृति की ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है सिद्धार्थनगर में ही कपिलवस्तु नाम का प्रसिद्ध स्थान है जिसे भगवान बुद्ध के जन्म स्थली के रूप में माना जाता है पूर्व डीजीपी बृजलाल ने राज्यसभा सदस्य बनने के बाद इस विषय को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने पिछले दिनों केंद्रीय पर्यटन मंत्री को पत्र लिखते हुए सिद्धार्थनगर खास तौर पर कपिलवस्तु के समुचित विकास की मांग की है इसके अलावा उन्होंने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को भी पत्र लिखकर कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने पर जोर दिया है।

राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने अपने शब्दों में इस प्रकार से इस विषय को रेखांकित किया है…
16-3-21 को राज्य सभा शून्यकाल में मैंने कपिलवस्तु के विकास पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
मैंने पहले कपिलवस्तु के इतिहास से सदन को अवगत कराया। मैंने बताया कि 1972 में पिपरहवा के टीलों की खुदाई पुरातत्व बिभाग ने की थी और वहाँ स्तूप और शुद्दोधन महाराज का महल मिला। स्तूप में बुद्ध का अस्थि – कलश मिला , जो भारत सरकार के संग्रहालय में रखा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बौद्ध स्थल के नाम पर 1988 में बस्ती से अलग सिद्धार्थनगर ज़िला बनाया और विधान सभा का नाम कपिल वस्तु रखा।
कपिलवस्तु भगवान बुद्ध की जन्म स्थली के रूप में प्रमाणित हो चुका है । पूरे दुनिया के बौद्ध धर्म के अनुयायियों की आस्था कपिलवस्तु में है। अन्य बौद्ध स्थलों की भाँति कपिलवस्तु को विकसित नहीं किया गया, जब कि श्रावस्ती और कुशीनगर को विकसित किया गया है । मैंने यह भी कहा कि कपिलवस्तु के विकसित होने पर लुम्बिनी जाने वाले श्रधालू भी कपिल वस्तु होकर जाएँगे और कपिलवस्तु में रुकेंगे , क्योंकि लुम्बिनी जाने वाले लोग भैरहवा में रुकते है , जो काफ़ी दूर है। मैंने निम्न माँग सरकार के समक्ष रखी।
1- श्रावस्ती और कुशीनगर की तरह इसे विकसित किया जाय और पूरी सुबिधाएँ उपलब्ध करायी जायँ।
2- भगवान बुद्ध का अस्थि कलश कपिलवस्तु में स्थापित किया जाय।
3- हवाई पट्टी का निर्माण किया जाय
4- बस्ती से कपिलबस्तु तक आने वाली रेलवे लाइन जो रेल्वे की पिंक बुक 06 पर अनुमोदित है , उसे शीघ्र शुरू किया जाय।
5-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरे कपिलवस्तु क्षेत्र का सौन्दर्य कारण होना आवश्यक है ।
6-बौद्ध धर्म के मानने वाले देशों से सम्पर्क करके उनका सहयोग भी लिया जाय।मै सिद्धार्थनगर का निवासी हूँ, मैने निश्चय कर लिया है , कि सिद्धार्थनगर का विकास करके रहूँगा। मैंने 15-3-21 को केंद्रीय मंत्री पर्यटन श्री प्रह्लाद सिंह पटेल को कपिलवस्तु के विकास के लिए पत्र लिखा है और उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम और डीएम सिद्धार्थनगर का भी सहयोग माँगा हैl